Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
इंदौर। हिंदी सिनेमा के महान कलाकार किशोर कुमार की 96वीं जयंती पर सोमवार, 4 अगस्त को इंदौर का क्रिश्चियन कॉलेज भावनाओं से सराबोर नजर आया। इस मौके पर कॉलेज ने अपने पूर्व छात्र किशोर दा को याद करते हुए विशेष आयोजन किया।
1887 में स्थापित इस ऐतिहासिक संस्थान में पूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों के साथ बड़ी संख्या में प्रशंसक भी जुटे। कार्यक्रम में किशोर कुमार की कला, व्यक्तित्व और कॉलेज के साथ उनके संबंधों को याद किया गया।
खंडवा निवासी व अधिवक्ता कुंजलाल गांगुली के सुपुत्र किशोर कुमार ने 11 जुलाई 1946 को इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहीं से किशोर दा और इंदौर के रिश्ते की शुरुआत हुई, जो आज भी कायम है। कॉलेज का कमरा नंबर 4, हॉस्टल की गैलरी, वह बेंच जहां वे बैठते थे और इमली का वही पेड़ - आज भी उनकी मौजूदगी का एहसास कराते हैं।
कॉलेज परिसर में मौजूद इमली का वह पेड़, जिसके नीचे बैठकर किशोर कुमार ने "पांच रुपैया बारह आना" गाना लिखा था, आज भी सुरक्षित है। कॉलेज के शिक्षकों के अनुसार, कैंटीन चलाने वाले 'काका' से किशोर दा अक्सर उधारी में पोहे और जलेबी लिया करते थे। काका अक्सर मजाक में कहते, "भैया, मेरा पांच रुपया बारह आना दे दे... मारेगा काका!" यही संवाद आगे चलकर किशोर कुमार के प्रसिद्ध गीत में बदल गया।
किशोर कुमार कॉलेज के हॉस्टल में अपने बड़े भाई अनूप कुमार (मूल नाम कल्याण गांगुली) के साथ रहते थे। दोनों कमरा नंबर 4 में ठहरे थे, जिसका सालाना किराया उस समय मात्र 20 रुपये था। इस कमरे में तबला, ढोलक और हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्र रखे होते थे, जिनसे संगीत की साधना होती थी। आज भी यह कमरा किशोर दा की यादों से जुड़ा है, लेकिन देखरेख के अभाव में यह धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है।
(रिपोर्ट - हेमंत नागले)