Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
नई दिल्ली। डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार को फिक्की द्वारा आयोजित ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया कि यह संघर्ष केवल पाकिस्तान से नहीं था, बल्कि तीन विरोधियों- पाकिस्तान, चीन और तुर्की के सामूहिक समर्थन के खिलाफ था। चीन ने पाकिस्तान को हथियार दिए, वहीं तुर्की ने उन्नत ड्रोन और तकनीकी मदद पहुंचाई।
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने एक ही युद्धभूमि पर तीन अलग-अलग प्रकार के विरोधियों का सामना किया। पाकिस्तान सीधे मोर्चे पर था, लेकिन उसके पास 81% सैन्य हार्डवेयर चीन निर्मित थे। चीन ने न केवल हथियार दिए, बल्कि पाकिस्तान को एक “लाइव लैब” की तरह इस्तेमाल कर अपनी तकनीक की परख की। इसके अलावा, तुर्की ने भी बैरेक्टर ड्रोन समेत अन्य हथियार मुहैया कराकर पाकिस्तान का साथ दिया।

उन्होंने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO स्तर पर बातचीत चल रही थी, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान को भारत की गतिविधियों की लाइव अपडेट मिल रही थी। ये अपडेट चीन की मदद से मिल रहे थे, जिससे यह साफ होता है कि भविष्य के युद्ध केवल पारंपरिक नहीं रह गए हैं, बल्कि इसमें साइबर, इलेक्ट्रॉनिक और डिप्लोमैटिक एलिमेंट्स भी शामिल हो चुके हैं।
डिप्टी COAS ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयर डिफेंस की भूमिका अहम रही। हालांकि इस संघर्ष में दुश्मन ने जनसंख्या वाले क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया, लेकिन अगली बार ऐसा हो सकता है। इजराइल के आयरन डोम सिस्टम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को काउंटर रॉकेट, आर्टिलरी और ड्रोन डिफेंस सिस्टम विकसित करने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत के पास इतनी सुविधाएं नहीं हैं क्योंकि यह भौगोलिक रूप से बहुत बड़ा देश है और इस दिशा में खर्च भी भारी होता है।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चेतावनी दी कि भविष्य के युद्ध में सिर्फ सैनिक नहीं, बल्कि कंप्यूटर एक्सपर्ट भी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, जो देश के किसी भी हिस्से में बैठकर पूरे युद्ध संचालन को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने सेना में ड्रोन की बड़ी जरूरत बताते हुए कहा कि सेना जल्द ही ड्रोन ऑपरेशन फ्रेमवर्क तैयार करेगी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उसे नाकाम कर दिया। 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बनी।
सिंह ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत के कुछ स्वदेशी हथियारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, जबकि कुछ में कमी भी नजर आई। उन्होंने कहा कि सेना को अभी भी कई उपकरण विदेशों से मंगाने पड़ते हैं, खासकर इंजन और सीक्रेट तकनीकों के मामले में। उन्होंने सरकार और प्राइवेट सेक्टर से इस दिशा में तेजी से निवेश बढ़ाने की जरूरत बताई।