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चंडीगढ़। हरियाणा के सीनियर आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित 15 वरिष्ठ अफसरों पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
यह कार्रवाई सुसाइड नोट में लिखे गए आरोपों के आधार पर की गई है। सेक्टर-11 थाने में एफआईआर नंबर 156 दर्ज की गई है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(r) शामिल की गई हैं। यह हरियाणा के इतिहास में पहला मौका है जब राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित इतने बड़े अधिकारियों के खिलाफ एक साथ केस दर्ज हुआ है।
आईपीएस पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा की सीनियर आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने एफआईआर के प्रारूप पर आपत्ति जताई है। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को एप्लिकेशन देकर कहा कि एफआईआर में आरोपियों के नाम कॉलमवार दर्ज नहीं किए गए हैं, और इसे फिक्स फॉर्मेट में दोबारा लिखा जाए। सूत्रों के मुताबिक, इस मुद्दे को लेकर उनकी चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर से गर्मागर्म बहस (हॉट टॉक) भी हुई। अमनीत अब एसएसपी से दोबारा मुलाकात करेंगी और एफआईआर संशोधन की मांग रखेंगी।
परिवार की सहमति न मिलने के कारण चार दिन बाद भी पूरन कुमार का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है। सरकार ने परिवार को मनाने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार को जिम्मेदारी सौंपी है। पंवार ने दो बार अमनीत पी. कुमार से मुलाकात की और उन्हें पोस्टमॉर्टम व अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश की, लेकिन अमनीत ने साफ कहा- जब तक डीजीपी को पद से नहीं हटाया जाता और रोहतक एसपी की गिरफ्तारी नहीं होती, वह पोस्टमॉर्टम की अनुमति नहीं देंगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मामले में एडवोकेट जनरल से राय ली और मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर डीजीपी शत्रुजीत कपूर से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। सरकार के निर्देश पर अब केस की हर गतिविधि पर सीएम कार्यालय खुद निगरानी कर रहा है।
7 अक्टूबर को सेक्टर-11 स्थित अपने घर में आईपीएस वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके पास से 8 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने लिखा था कि उन्हें लंबे समय से जातीय भेदभाव और विभागीय प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा था। सुसाइड नोट में उन्होंने कई आईपीएस और आईएएस अफसरों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे थे, साथ ही यह भी कहा था कि जब उन्होंने आवाज उठाई, तो उन्हें साजिशन प्रताड़ित किया गया।
FIR में दर्ज अधिकारियों की सूची-
चंडीगढ़ पुलिस ने कहा है कि सुसाइड नोट और डिजिटल सबूतों की फॉरेंसिक जांच जारी है। पुलिस ने आईएएस अमनीत कुमार का बयान दर्ज कर लिया है और जल्द ही अन्य नामजद अधिकारियों को समन भेजे जाने की संभावना है। वहीं, हरियाणा सरकार ने संकेत दिए हैं कि जांच में सहयोग के लिए अलग विशेष समिति भी बनाई जा सकती है।