vikrant gupta
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में किसानों को यूरिया खाद के लिए भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात से लाइन में लगे किसानों को टोकन मिलने के बावजूद यूरिया नहीं मिल पाया, जिससे नाराज किसानों ने बुधवार को हंगामा कर दिया। जब उन्हें गोदामों में स्टॉक खत्म होने की जानकारी मिली, तो वे कलेक्ट्रेट पहुंच गए और प्रशासन से खाद की मांग की।
इस बार किसानों ने सोयाबीन के बजाय मक्का की खेती तीन गुना अधिक रकबे में की है, लेकिन समय पर खाद न मिलने से फसलों को नुकसान का खतरा बढ़ गया है। यूरिया न मिलने के कारण मक्का की फसल पीली पड़ने लगी है। किसानों का कहना है कि फसल बोने के एक महीने बाद भी एक बार भी यूरिया नहीं मिल पाया, जबकि वे लगातार गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं।
मंगलवार को प्रशासन ने एमपी एग्रो, डीएमओ गोदाम और सोसायटियों के जरिए खाद वितरण की सूचना दी थी, जिसके बाद सैकड़ों किसान रातभर गोदामों के बाहर लाइन में लगे रहे। मच्छरों और गर्मी के बीच किसान रातभर बैरिकेड्स में फंसे रहकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
बुधवार दोपहर करीब 1 बजे तक जब खाद नहीं मिला तो लाइन में लगे किसानों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। भीड़ को संभालने के लिए तीन थानों की पुलिस तैनात की गई। पुलिस ने खुद टोकन बांटकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की।
लाइन में घंटों खड़े रहने के बाद जब किसानों को बताया गया कि खाद खत्म हो गया है, तो उनका गुस्सा भड़क उठा। कई किसान कलेक्ट्रेट पहुंच गए और जिला प्रशासन से तत्काल यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की। किसानों का कहना था कि यह पहली बार नहीं है जब वे खाली हाथ लौटे हैं।
हरदा विधायक डॉ. आरके दोगने ने किसानों की समस्या को गंभीर बताते हुए कहा कि वे लगातार कलेक्टर और कृषि अधिकारियों से संपर्क में हैं, लेकिन फिर भी व्यवस्था नहीं सुधर रही। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास जिले में कितनी कृषि भूमि है, इसका पूरा रिकॉर्ड है, बावजूद इसके समय पर खाद की डिमांड नहीं भेजी गई, जिससे आज यह स्थिति बनी।
डॉ. दोगने ने यह भी कहा कि किसानों को केवल खाद के लिए नहीं, बल्कि अपनी उपज बेचने के लिए भी लाइन में लगना पड़ रहा है। प्रशासन को इस विषय में पूर्व तैयारी करनी चाहिए थी, ताकि किसानों को राहत मिलती।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि उप संचालक जवाहरलाल कास्दे ने कहा कि खरीफ सीजन के लिए जिले को कुल 24,500 मीट्रिक टन खाद की जरूरत है, जिसमें से अब तक 22 हजार मीट्रिक टन खाद आ चुकी है। उनका दावा है कि लगातार खाद की रैक आ रही हैं और किसानों को जरूरत के अनुसार खाद दी जा रही है।
जिला विपणन अधिकारी योगेश मालवीय ने जानकारी दी कि बुधवार सुबह 10 बजे से जिले में कई स्थानों पर यूरिया का वितरण शुरू किया गया है। वितरण केंद्रों में शामिल हैं –
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों के माध्यम से भी यूरिया मिल रहा है- मोरगढी, पालसनेर, करताना, सोडलपुर, सिराली, खमलाय, पीपलघटा, मोहनपुर, बेडियाकला, अबगांवकला, टेमागांव, हंडिया, मसनगांव, गहाल, बालागांव, अबगांवखुर्द, रवांग, जूनापानी आदि। इसके अलावा निजी विक्रेताओं को भी वितरण में शामिल किया गया है ताकि किसानों को खरीफ सीजन के लिए समय पर खाद मिल सके।