Garima Vishwakarma
26 Nov 2025
Aakash Waghmare
26 Nov 2025
Naresh Bhagoria
26 Nov 2025
भोपाल। राजधानी भोपाल का ऐतिहासिक गौहर महल गुरुवार शाम परंपरा और आधुनिकता के संगम का साक्षी बना, जब 11वें राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशेष उत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन केवल फैशन शो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत की समृद्ध बुनकरी परंपरा को नए रंग और मंच देने वाला एक सांस्कृतिक संगम बना।

इस आयोजन की सबसे बड़ी झलक रही फैशन शो, जिसमें 30 मॉडल्स ने रैम्प पर वॉक कर मध्यप्रदेश की पारंपरिक हैंडलूम कलाओं को फैशन के परिधान में जीवंत किया। यह शो शासकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज, इंदौर के फैशन टेक्नोलॉजी विभाग के सहयोग से आयोजित हुआ था, जिसमें छात्राओं ने खुद द्वारा डिज़ाइन किए वस्त्रों को पहनकर मंच पर प्रस्तुत किया।
फैशन शो को तीन राउंड में विभाजित किया गया-
यह शो सिर्फ फैशन का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि संस्कृति, परंपरा और तकनीक के मिलन का जीवंत चित्रण था। हर परिधान के साथ एक कहानी जुड़ी थी- किसी गाँव के बुनकर की, किसी परिवार की पीढ़ियों से चली आ रही कारीगरी की या किसी खोते हुए हस्तशिल्प को फिर से जीवित करने की।
शो की शुरुआत से पहले मध्यप्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए बुनकरों को सम्मानित किया गया। वर्षों से चुपचाप अपनी कला को जीवित रखने वाले इन कलाकारों को पहली बार मंच मिला, जहां उनके योगदान को सराहा गया। सम्मानित बुनकरों को स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
सम्मानित बुनकरों में मुजफ्फर खान, जुबैर खान, मुसर्रफ खान, निसार साह, हमीदुल्ला अंसारी, नवीन कुमार कुशवाह, प्रेम नारायण कोली, विजय कोली, जावेद अंसारी, जहीन कुरैशी -सभी चंदेरी, अशोकनगर क्षेत्र से शामिल थे।
इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक बुनकरी को समकालीन मंचों से जोड़ना और युवा पीढ़ी को जागरूक करना है। कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के संयुक्त सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल, अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता और प्रबंध निदेशक मदन विभीषण नागर गोजे उपस्थित रहे। इन सभी ने हैंडलूम को आत्मनिर्भरता, सांस्कृतिक गर्व और रोजगार का प्रतीक बताते हुए कहा कि, "हैंडलूम केवल वस्त्र नहीं, हमारी आत्मा है। इसमें हमारी संस्कृति, परंपरा और स्वावलंबन की प्रेरणा समाहित है।"