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Zoho का Arattai ऐप आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। देशभर में जोर-शोर से लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ये ऐप 4 साल पुराना 2021 में लॉन्च हो गया था। हैरानी है कि तब अरट्टाई गुमनाम था। अब यह रातों-रात लोकप्रिय हुआ है। मात्र तीन दिनों में इसके डेली के साइन-अप 3,000 से बढ़कर 3,50,000 हो गए। Zoho इन दिनों चर्चा में है। ऐसा लग रहा है जैसे ये कंपनी अकेली माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मेटा को टक्कर दे रही हो।
Zoho का मैसेजिंग ऐप Arattai इन दिनों सोशल मीडिया और खबरों में छाया हुआ है। यह ऐप साल 2021 में लॉन्च हुआ था, लेकिन उस वक्त ज्यादा चर्चा में नहीं आया। अब अचानक से इसकी लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है। महज तीन दिनों में इसके डेली साइनअप 3,000 से बढ़कर 3,50,000 तक पहुंच गए हैं।
देश की डिजिटल दुनिया में Zoho की मौजूदगी अब और मजबूत होती जा रही है। Zoho सिर्फ एक टेक कंपनी नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनती जा रही है। इसकी सेवाएं न केवल सस्ती हैं, बल्कि पूरी तरह से स्वदेशी भी हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में X पर जानकारी दी कि वह अब Zoho Mail का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने अपनी नई आधिकारिक ईमेल ID भी साझा की। Zoho ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री को धन्यवाद कहा। इस कदम ने देशभर में Zoho को एक नई पहचान दिलाई।
गुजरात सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी कार्यालयों के प्रमुखों (HODs) को Zoho Mail और Zoho Office Suite पर शिफ्ट होने का निर्देश दिया है। राज्य के साइंस और टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से जारी सर्कुलर में इसे 'स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। अब सभी डिपार्टमेंट, पब्लिक सेक्टर कंपनियां, बोर्ड्स और कॉरपोरेशन Zoho की सेवाएं इस्तेमाल करेंगे।
Zoho का Arattai ऐप एक इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है, जो WhatsApp जैसा अनुभव देता है। इस पर कॉलिंग और टेक्स्टिंग दोनों सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि अभी इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं है, लेकिन Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने बताया कि नवंबर तक यह सिक्योरिटी फीचर भी लॉन्च कर दिया जाएगा।
Zoho आज भारत का अपना टेक इकोसिस्टम बनता जा रहा है। इसके पास 45 से अधिक प्रोडक्ट्स और सेवाएं हैं, जिनमें ऑफिस टूल्स, मेल सर्विस, क्लाउड प्लेटफॉर्म और मैसेजिंग ऐप शामिल हैं। Zoho के टूल्स Microsoft Word, Excel और Google Docs जैसी सेवाओं के सस्ते और स्वदेशी विकल्प बनकर सामने आ रहे हैं।
Zoho के पीछे जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है इसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू। ग्रामीण भारत से जुड़कर काम करने वाले वेम्बू की सोच ने ही Zoho को ग्लोबल कंपनियों की भीड़ में एक अलग पहचान दी है।
Zoho की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह भी है कि अब देश के बड़े नेता और सरकारें इसकी ओर रुख कर रही हैं। जब नेता और सरकारी संस्थाएं स्वदेशी डिजिटल टूल्स पर भरोसा दिखा रही हैं, तो आम लोग भी इसे अपनाने लगे हैं।
Zoho अब सिर्फ एक टेक कंपनी नहीं रही। यह भारत की डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन चुकी है। Arattai जैसे ऐप्स के साथ यह दिखा रहा है कि भारत अपने दम पर भी ग्लोबल लेवल पर टक्कर देने की ताकत रखता है।
Arattai में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नवंबर में जुड़ने वाला है। इसके बाद यह ऐप और भी ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बन जाएगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह ऐप WhatsApp जैसी विदेशी सेवाओं को पूरी तरह टक्कर दे पाएगा। लेकिन एक बात तय है — Zoho की शुरुआत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी की नहीं, बल्कि एक स्वदेशी बदलाव की है।