Garima Vishwakarma
14 Nov 2025
सनातन धर्म में तुलसी का विशेष महत्व माना गया है। चाय तुलसी के पौधे की बात करें या फिर माल की इन दोनों को ही बहुत शुभ और शुद्ध माना गया है। ऐसा कहते हैं कि तुलसी की पूजा करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अगर जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति करना चाहते हैं तो पूजन अवश्य करें।
तुलसी की माला को लेकर यह कहा जाता है कि इसे पहनने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप तुलसी की माला धारण करने का विचार कर रहे हैं तो इससे जुड़े कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। चलिए जान लेते हैं कि आपको किन बातों का ख्याल रखना है।
तुलसी की माला पहनने से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है। इसे पहनने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे जीवन में खुशियों का आगमन होता है। यह मानसिक सकारात्मकता बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति सुधारने और जीवन में सुख-शांति बनाए रखने में मदद करती है।
तुलसी की माला अमावस्या और रविवार को पहनना वर्जित माना गया है। यदि आपने इसे पहले से धारण कर रखा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन पहली बार पहनने या बदलकर पहनने के लिए इन दिनों से बचें।
तुलसी की माला पहनने के लिए गुरुवार, सोमवार, बुधवार और एकादशी का दिन शुभ माना गया है। इसे पहनने से पहले गंगाजल से शुद्ध करें और थोड़ी देर भगवान के सामने रखें। फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए इसे पहनें। आप चाहें तो किसी ज्योतिषी की सलाह के अनुसार भी इसे धारण कर सकते हैं।
तुलसी की माला पहनने वाले व्यक्ति को हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए और तामसिक भोजन से बचना चाहिए। किसी के बारे में गलत विचार न करें और न ही बुराई बोलें। तुलसी की माला पहनकर किसी भी प्रकार का नशा करना अच्छा नहीं माना जाता। माला अत्यंत पवित्र है, इसलिए अपने शरीर और माला की सफाई का विशेष ध्यान रखें। यदि इन नियमों का पालन नहीं किया जाता तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस प्रकार, तुलसी की माला केवल धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में समृद्धि लाने का भी मार्ग है। इसे पहनते समय इन नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।