चेन्नई। देशभर में सनसनी फैलाने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप केस में चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के खिलाफ ED ने सोमवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इस कंपनी के कफ सिरप के कारण मध्य प्रदेश में अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। ED की कार्रवाई कंपनी के वित्तीय लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से जुड़ी है।
ED की कार्रवाई और छापेमारी
- ED ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स से जुड़े चेन्नई के 7 ठिकानों पर छापेमारी की।
- टीमों ने कंपनी के कार्यालयों और अधिकारियों के घरों पर जांच की।
- ED की जांच मिलावटी दवा बनाने और बिक्री से होने वाले अवैध मुनाफे और मनी लॉन्ड्रिंग तक फैल चुकी है।
- केस की शुरुआत बच्चों की मौत से हुई थी, लेकिन अब यह मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क में बदल गया है।
कोल्ड्रिफ सिरप में मिलावट और खतरनाक बैच
- चेन्नई की फैक्ट्री में 350 से ज्यादा गड़बड़ियां मिली थीं।
- कोल्ड्रिफ सिरप बैच नंबर SR-13 में 48.6% DEG (Diethylene Glycol) पाया गया, जो बच्चों के लिए बहुत जहरीला है।
- अन्य सिरप जैसे रेस्पोलाइट D, GL, ST और हेप्सैंडिन स्टैंडर्ड क्वालिटी के पाए गए।
- यह मिलावटी सिरप बच्चों की किडनी और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
श्रीसन फार्मा के मालिक गिरफ्तार
श्रीसन फार्मा के मालिक जी रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार किया था। कंपनी के मालिक पर आरोप है कि, उन्होंने मिलावटी कफ सिरप बनाकर मुनाफा कमाया और उसे बिक्री के लिए भेजा।
सरकार और ड्रग कंट्रोल विभाग की चूक
- तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने फैक्ट्री की नियमित जांच नहीं की।
- दो वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड किया गया क्योंकि उन्होंने पिछले दो सालों में कोई निरीक्षण नहीं किया।
- ड्रग्स विभाग के डायरेक्टर को ACB ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा, जिससे भ्रष्टाचार की मिलीभगत सामने आई।
मिलावट में इस्तेमाल जहरीले केमिकल
- एथिलीन ग्लाइकोल और डायथिलीन ग्लाइकोल का इस्तेमाल किया गया।
- ये केमिकल शरीर में जाने पर किडनी फेल, हार्ट और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं।
- 2 से 5 साल तक के बच्चों को इस सिरप का सेवन करना खतरनाक माना गया।
ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच
ED का कहना है कि कोल्ड्रिफ सिरप से हुए मुनाफे का कुछ हिस्सा रिश्वत और विदेशों में मनी ट्रांसफर में इस्तेमाल हुआ। यह केस अब सिर्फ मिलावटी सिरप का नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क की जांच का मामला बन गया है। ED की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किसने-किसे रिश्वत दी और कितने पैसे की हेराफेरी की गई।
निवारक उपाय और चेतावनी
- बच्चों को कफ सिरप न दें।
- घरेलू उपचार जैसे गर्म पानी, भाप, तरल पदार्थ दें।
- सिरप देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी।
- सरकार और ED ने चेतावनी दी है कि, फरवरी से अक्टूबर तक कई बाल रोगों में दवा सुरक्षित और जांची हुई होनी चाहिए।