Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर मंगलवार देर रात दूदू के पास सावरदा पुलिया के पास भयावह हादसा हुआ। एलपीजी सिलेंडरों से भरे एक ट्रक को केमिकल टैंकर ने जोरदार टक्कर मार दी, जिससे दोनों वाहनों में आग लग गई। टक्कर के बाद सिलेंडरों में एक के बाद एक 200 धमाके हुए, और कई सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों में जा गिरे। 10 किलोमीटर दूर तक धमाकों की आवाजें सुनाई दीं, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा तब हुआ जब आरटीओ की टीम की गाड़ी देखकर केमिकल टैंकर चालक ने अचानक दिशा बदली और ढाबे की ओर गाड़ी मोड़ दी। ढाबे के बाहर खड़े एलपीजी सिलेंडरों से लदे ट्रक से टैंकर की जोरदार टक्कर हो गई, जिससे स्पार्किंग और फिर भीषण आग लग गई। टैंकर चालक मौके पर ही जिंदा जल गया, जबकि ट्रक चालक शाहरुख बाल-बाल बच गया। उसने बताया-आरटीओ की गाड़ी देखकर ड्राइवर ने गाड़ी मोड़ी और मेरा ट्रक ढाबे पर खड़ा था। टक्कर के बाद आग इतनी तेज लगी कि कुछ समझ ही नहीं आया।
जयपुर-अजमेर हाईवे को रातभर के लिए बंद कर दिया गया, जिससे लंबा जाम लग गया। ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए वाहनों को किशनगढ़ से रूपनगढ़ होते हुए जयपुर की ओर डायवर्ट किया गया। वहीं जयपुर से अजमेर जाने वाले वाहनों को 200 फीट बायपास से टोंक रोड की ओर मोड़ा गया। बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे हाईवे को खोला गया।
हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा – “यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के उपचार और प्रभावितों की सहायता में कोई कमी न रहे।” मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और विधायक कैलाश वर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। जयपुर पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि टैंकर चालक समेत दो से तीन लोग घायल हुए हैं। जयपुर के एसएमएस अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर घायलों को तुरंत उपचार मिल सके।
आग इतनी भयानक थी कि आसपास के गांवों में लोग घरों से बाहर निकल आए। आसमान में कई मीटर ऊंची लपटें उठ रही थीं और धमाकों से जमीन कांप रही थी। प्रत्यक्षदर्शी विनोद ने बताया- “टैंकर ने एलपीजी सिलेंडर वाले ट्रक को पीछे से टक्कर मारी। बस कुछ ही सेकंड में आग ने पूरे ढाबे को घेर लिया।”
घटना के बाद प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि रात के समय हाईवे पर इतने खतरनाक केमिकल टैंकरों की निगरानी क्यों नहीं होती और ढाबों के पास भारी वाहनों की पार्किंग पर रोक क्यों नहीं है।