Hemant Nagle
2 Nov 2025
इंदौर – इंदौर और उज्जैन के 75 स्टूडेंट्स की दोबारा NEET-UG परीक्षा कराने के मामले में आज हाई कोर्ट फैसला सुना सकते है। 10 जुलाई को सुनवाई करीब दो घंटे चली थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व फॉर ऑर्डर रखा था। पीड़ित स्टूडेंट्स और परिजन की नजर हाई कोर्ट के आदेश पर है। इसमें रि-एग्जाम का मौका मिलेगा या नहीं, यह काफी अहम रहेगा। बता दें कि 4 मई को परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कई एग्जाम सेंटर की बिजली गुल हो गई थी।
पिछली सुनवाई में 75 याचिकाकर्ता
पिछली सुनवाई में 75 याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से एडवोकेट मृदुल भटनागर ने यह तर्क दोहरा दिया था कि यदि इन छात्रों को रि-एग्जाम का मौका नहीं दिया गया, तो उनका भविष्य प्रभावित होगा। 3 मई के बाद याचिकाएं लगाने वाले 20 से अधिक छात्रों की ओर से एडवोकेट विवेक शरण ने अपने तर्क रखे थे। उन्होंने कहा कि इन छात्रों की याचिकाएं भी शामिल की जानी चाहिए।उधर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी मजबूती से अपना पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि 22 लाख स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया है। सभी सेंटर पर माकूल व्यवस्था थीं। जिन सेंटरों पर बिजली गुल होने की बात कही जा रही है। वहां भी पॉवर बैकअप था।
NTA ने फीस के नाम 350 करोड़ रुपए लिए –
मामले में स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने कहा था कि NTA ने जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें तथ्य सही नहीं है। NTA ने फीस के नाम 350 करोड़ रुपए लिए हैं। इन सेंटर पर बिजली की पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। मौके पर जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया। लंबी बहस में वे सारे तर्क रखे गए, जो पहले भी दोहराए जा चुके हैं। मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व फॉर ऑर्डर रखा है।