भोपाल में सोमवार को स्मार्ट मीटर के विरोध में बड़ा प्रदर्शन होगा। दोपहर 12:30 बजे के बाद शाहजहानी पार्क में पूरे प्रदेश से उपभोक्ता एकत्रित होंगे। यह आंदोलन मध्यप्रदेश बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (MECA) के बैनर तले होगा। उपभोक्ता सरकार से 200 यूनिट मुफ्त बिजली और रेट कम करने समेत 11 मांगें रखेंगे।
‘स्मार्ट मीटर गरीबों पर बोझ’
एसोसिएशन की संयोजक रचना अग्रवाल और लोकेश शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर का विरोध सिर्फ औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह आम जनता की आजीविका और जीवन से जुड़ा मुद्दा है। पदाधिकारियों ने बताया कि कई जिलों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल हजारों रुपये तक बढ़ गए हैं। भोपाल, ग्वालियर, गुना, सीहोर, विदिशा, इंदौर, सतना और जबलपुर के उपभोक्ता भारी भरकम बिलों से परेशान हैं। कहीं महीने में दो बार बिल आ रहे हैं तो कहीं किसानों को लाखों का बिल थमा दिया गया है।
क्यों हो रहा विरोध?
- स्मार्ट मीटर प्री-पेड सिस्टम पर काम करता है, जैसे मोबाइल रीचार्ज।
- कंपनी कभी भी यूनिट्स कम-ज्यादा कर सकती है।
- दिन-रात के अलग-अलग रेट (TOD) से बिल और बढ़ जाता है।
- खराब मीटर बदलने पर उपभोक्ता को अतिरिक्त पैसा देना पड़ता है।
- बिल की हार्ड कॉपी नहीं दी जाती, जिससे ग्रामीण और अशिक्षित उपभोक्ता परेशान हैं।
- हर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है, मोबाइल खरीदना भी मजबूरी बन रहा है।
- अनुबंध पोस्टपेड मीटर का था, लेकिन जबरन प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया गया।
सरकार से 11 बड़ी मांगें
- बिजली क्षेत्र के निजीकरण की नीति खत्म की जाए।
- बिजली संशोधन विधेयक 2022 रद्द हो।
- स्मार्ट मीटर नीति वापस ली जाए।
- सभी उपभोक्ताओं को पोस्टपेड और हार्ड कॉपी वाला बिल मिले।
- लगे स्मार्ट मीटर हटाकर पुराने डिजिटल मीटर लगाए जाएं।
- उपभोक्ताओं पर दर्ज FIR और केस खत्म किए जाएं।
- बढ़े हुए बिजली बिल रद्द किए जाएं।
- भविष्य में उचित और तार्किक बिल दिए जाएं।
- बिजली के रेट कम किए जाएं।
- बिल न भर पाने वालों को 3 माह का समय मिले, कनेक्शन न काटा जाए।
- सभी उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए।
उपभोक्ताओं की चेतावनी
एसोसिएशन ने साफ कहा है कि स्मार्ट मीटर गरीबों और आम लोगों के लिए भारी बोझ है। जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, आंदोलन बड़े स्तर पर जारी रहेगा।