Aniruddh Singh
11 Sep 2025
Aniruddh Singh
11 Sep 2025
Shivani Gupta
10 Sep 2025
Mithilesh Yadav
10 Sep 2025
पुष्पेन्द्र सिंह
भोपाल। सहकारिता विभाग में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और समितियों को मिलने वाले कर्ज में अकेले भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के तहत तीन हजार करोड़ से अधिक रुपए का असंतुलन (इन्बैलेंस) होना सामने आया है। यही राशि प्रदेश के सभी 38 बैंकों में करीब सात हजार करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। सरकार ने माना भी है कि भोपाल और नर्मदापुरम संभाग में 31 मार्च 2025 की स्थिति पर जिला सहकारी बैंकों का समितियों पर 7,142 करोड़ 99 लाख रुपए और प्राथमिक कृषि साख समितियों का किसानों पर 4,045.37 करोड़ रुपए का ऋण शेष है। इस तरह जिला सहकारी बैंक और समितियों के बीच करीब 3,097.62 करोड़ रुपए का असंतुलन है। प्रदेश में 4525 प्राथमिक साख सहकारी समितियां हैं।
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2019 3,339.53
2020 3,786.00
2021 4,118.57
2022 5,141.81
जिला सहकारी बैंकों में 10-11 साल से कलेक्टर प्रशासक के रूप में काम कर रहे हैं, फिर भी गड़बड़ी सामने नहीं लाई जा सकी और असंतुलन की राशि लगातार बढ़ रही है। सवाल यह भी कि जो पैसा गायब है, वह किसका है?
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-सरकार की ऋण नीति आ गई या ऋण माफी हो गई। जैसे 5 हजार करोड़ की ऋण माफी हो गई और सरकार ने 2,800 करोड़ दिए। 2,200 नहीं मिलने से समितियों में यह अंतर आ जाता है।
-समितियों ने उपार्जन का काम किया, इसमें उपार्जन का कमीशन नहीं मिला तो अंतर आ गया।
-सरकार ने 0% पर लोन बांट दिया, उसका ब्याज देर में मिला, तो अंतर आ गया।
-सहकारी संस्थाओं में ऋण घोटाला
-कर्मचारियों को अत्यधिक वेतन देना या बैंक खातेदारों का पैसा हो सकता है ।
-अपेक्स बैंक, नाबार्ड से कर्ज लेकर सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को देता है।
-जिला बैंक के माध्यम से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को ऋण दिया जाता है। समितियां किसानों को कर्ज देती हैं।
सवाल-विस में बताया गया कि भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के जिला बैंक और समितियों में 3 हजार करोड़ का ऋण असंतुलन है?
जवाब- दो संभागों का इतना फिगर हो ही नहीं सकता। इसकी जानकारी रजिस्ट्रार ऑफिस देगा।
सवाल-फिर अपेक्स बैंक पर नाबार्ड का करोड़ों का कर्ज बकाया होगा?
जवाब- नाबार्ड और अपेक्स बैंक के बीच लेनदेन क्लिीयर है। जिला सहकारी बैंकों से भी कर्ज पूरा वापस हो रहा है।
सवाल-कर्ज राशि में असंतुलन क्यों?
जवाब- यह सालों से चला आ रहा है। कॉपरेटिव्ह बैंक पैक्स को देता है और पैक्स किसानों को देता है, उसमें अंतर आता है।