Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले में रविवार रात श्रद्धा का उत्सव मातम में बदल गया। शाहकुंड-सुल्तानगंज मुख्य मार्ग पर बेलथू गांव के पास एक दर्दनाक हादसे में 5 कांवड़ियों की मौत हो गई, जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हुए। ये सभी श्रद्धालु पिकअप वैन से सुल्तानगंज गंगा घाट जा रहे थे, जहां से जल भरकर ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर में चढ़ाने की तैयारी थी। हादसा उस वक्त हुआ जब वैन बिजली के झूलते तार की चपेट में आ गई और पूरे वाहन में करंट फैल गया।
घायल कांवड़िया अभिषेक कुमार ने बताया कि सभी नौ लोग पिकअप वैन में सवार थे। रात करीब सवा 12 बजे वैन एक ऑटो को ओवरटेक कर रही थी, तभी अचानक सड़क किनारे लटके बिजली के तार से गाड़ी सट गई। देखते ही देखते पूरे वाहन में करंट दौड़ गया। जान बचाने के लिए कुछ लोग 30 फीट गहरी खाई में कूद पड़े, लेकिन दुर्भाग्यवश अनियंत्रित वैन भी उसी पानी भरी खाई में पलट गई और नीचे गिरे कांवड़ियों पर गिर पड़ी।
हादसे में जान गंवाने वाले सभी युवक एक ही गांव शाहकुंड के रहने वाले थे। मृतकों के नाम इस प्रकार हैं:
ये सभी पहली बार कांवड़ यात्रा पर निकले थे। मृतकों के परिवार में कोहराम मचा है, गांव में मातम पसरा हुआ है।
घायल पिंटू कुमार ने बताया कि जैसे ही वैन करंट की चपेट में आई, वह खुद को संभाल नहीं पाया और करंट के झटके से वैन से उछलकर दूर जा गिरा। कुछ यात्रियों ने गाड़ी से कूदकर जान बचाई, पर ज्यादातर वैन के नीचे दब गए। दो घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है।
रवीश के पिता नीरज कुमार ने बताया कि हादसे के बाद जब उन्होंने बिजली विभाग को फोन किया तो वहां से कहा गया कि पहले वीडियो भेजो, तभी लाइन काटेंगे। अगर समय रहते बिजली काट दी जाती, तो शायद जान बच सकती थी। सवाल ये भी उठता है कि झूलते तार को पहले क्यों नहीं हटाया गया?
घटना के बाद मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने शाहकुंड-असरगंज मार्ग को जाम कर दिया। वे दोषियों पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। थानेदार जगन्नाथ शरण ने बताया कि लोगों को शांत करने के लिए जनप्रतिनिधियों और शांति समिति की मदद ली जा रही है।
इस पूरे हादसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं- क्या ड्राइवर की लापरवाही वजह थी? क्या ओवरलोडिंग या तेज रफ्तार इसका कारण बनी? या फिर प्रशासन और बिजली विभाग की लापरवाही? शायद तीनों ने मिलकर इस त्रासदी को जन्म दिया।
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का पर्व माना जाता है, लेकिन इस घटना ने पूरे इलाके में मातम फैला दिया है। कांवड़ यात्रा, जो अब तक उत्सव का प्रतीक रही, अब चिंता और असुरक्षा का कारण बनती जा रही है।
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