Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल। राजधानी में मड चैलेंज जैसे रोमांचक आयोजनों पर प्रतिबंध लगे होने के बावजूद एडवेंचर के शौकीनों का जोश कम नहीं हुआ है। सख्ती और रोक-टोक के बीच अब ये शौकीन शहर से बाहर निकलकर अपने जुनून को जिंदा रख रहे हैं। रविवार को ऐसा ही नजारा भोपाल से सटे रायसेन जिले की नंदोरा नदी में देखने को मिला, जहां एक दर्जन से ज्यादा ट्रेंड ऑफ-रोड ड्राइवर्स ने उफनते पानी और दलदले रास्तों के बीच मड चैलेंज जैसी रोमांचक ड्राइविंग की।
इन ड्राइवर्स में अलमास, उवैस, हादी, यूसुफ और अब्दुल शहजाद खान जैसे नाम शामिल रहे, जो कस्टमाइज की गई जीप और जिप्सियों में बैठकर खतरों से खेलने निकले थे। इस दौरान बनाए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे 3 से 4 फीट गहरे पानी में इन गाड़ियों को बड़ी सावधानी से चलाया गया। एक गाड़ी जब पानी के बीच फंस गई, तो अन्य ड्राइवर्स ने टीमवर्क दिखाते हुए उसे रस्सियों की मदद से बाहर निकाला।
भोपाल में मड चैलेंज जैसे आयोजनों पर पुलिस और पर्यावरणविदों के विरोध के चलते कई सालों से रोक लगी हुई है। हाल ही में कोह-ए-फिजा थाना पुलिस ने सेफिया कॉलेज ग्राउंड पर प्रैक्टिस कर रहे युवाओं को चेतावनी देकर हटाया था। ऐसे में ड्राइवर्स अब रायसेन, सीहोर और बैरसिया जैसे बाहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें खुला स्पेस और चुनौतीपूर्ण ट्रैक मिलता है।
ड्राइवर्स का दावा है कि उनकी गाड़ियां खासतौर पर ऐसी परिस्थितियों के लिए मॉडिफाई की जाती हैं। इनमें सेफ्टी इक्विपमेंट, हाई स्नॉर्कल एग्जॉस्ट, हाई-ग्राउंड क्लीयरेंस, टो रोप्स और पावरफुल इंजन जैसे फीचर्स होते हैं।
रविवार को जब रायसेन जिले की नंदोरा नदी उफान पर थी, तब 12 से 14 गाड़ियों ने एक-एक कर इस बहाव को पार किया। कई जगहों पर बहाव इतना तेज था कि गाड़ियाँ डगमगाती नजर आईं, लेकिन सभी ड्राइवर्स ने बेहद संयम और तकनीकी दक्षता से ड्राइविंग करते हुए रास्ता तय किया। एक गाड़ी जब बीच में बंद हो गई तो तत्काल अन्य ड्राइवर्स ने रस्सियों से बांधकर उसे बाहर खींचा, जिससे यह भी साफ हो गया कि ड्राइवर्स टीमवर्क और सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं।
भोपाल में ऐसे आयोजनों को लेकर पर्यावरणविद लंबे समय से विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि मड चैलेंज जैसी गतिविधियों से प्राकृतिक परिवेश को नुकसान, मिट्टी का कटाव और स्थानीय वनस्पति का ह्रास होता है। साथ ही, ये आयोजन सार्वजनिक स्थलों और जल स्रोतों की प्राकृतिक संरचना को भी प्रभावित करते हैं। यही वजह है कि प्रशासन ने शहर में ऐसी किसी भी गतिविधि पर सख्त रोक लगा रखी है।