Aakash Waghmare
14 Nov 2025
बांग्लादेश में जनता एक बार फिर सड़कों पर उतरी है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अदालत के फैसले से पहले देश में हिंसा बढ़ गई है। इसके मद्देनजर उनकी पार्टी अवामी लीग ने विरोध में पूरे देश में 'लॉकडाउन' की मांग की है। इसके जवाब में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता गुरुवार को ढाका के कई इलाकों में जमकर विरोध किया और कुछ जगहों पर जुलूस भी निकाले।
अल-जजीरा के रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को देश में 32 बम फटे और दर्जनों बसों को आग के हवाले किया गया। साथ ही गुरुवार रात ढाका एयरपोर्ट के पास भी दो और बम फटे, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजधानी ढाका और बड़े शहरों में स्कूल ऑनलाइन कर दिए गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। राजधानी में 400 पैरामिलिट्री सैनिक तैनात किए गए।
बता दें सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में फैसला सुनाएगी। हसीना पर 2024 में छात्र आंदोलन में हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
वहीं इस हिंसक प्रदर्शन पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपना बयान जारी किया है। दरअसल उन पर पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों लगे हैं, जिसे उन्हें खारिज कर दिया। हसीना ने BBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा.. उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा झूठा तमाशा है।
हसीना पर अपनी तानाशाही सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया। जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1,400 तक लोग मारे गए थे।