Aniruddh Singh
9 Oct 2025
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Aniruddh Singh
7 Oct 2025
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7 Oct 2025
मुंबई। ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा भारत आज डिजिटल नवाचार और समावेशन के क्षेत्र में दुनिया के लिए एक मानक स्थापित किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में तकनीक के लोकतांत्रिक प्रसार ने भारत को दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से समावेशी समाजों में बदल दिया है। पीएम मोदी ने बताया यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्लेटफॉर्म अकेले हर महीने 20 अरब से अधिक लेनदेन करता है, जिनकी कुल कीमत लगभग 25 लाख करोड़ रुपए है। यह आंकड़ा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की विशालता और उसकी स्वीकार्यता को दिखाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने न केवल तकनीक को अपने नागरिकों तक पहुंचाया है, बल्कि इसे अन्य देशों के साथ भी साझा किया है, ताकि वे भी डिजिटल प्रगति का लाभ उठा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह किसी तरह की डिजिटल सहायता नहीं, बल्कि डिजिटल सशक्तिकरण है-यानी भारत अन्य देशों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा भारत विश्व की सबसे प्राचीन और सशक्त लोकतंत्र का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र केवल चुनावों या नीति निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शासन व्यवस्था की आत्मा है।
मोदी ने इसे टेक्नोलॉजी में लोकतांत्रिक भावना से जोड़ा और कहा डिजिटल शासन ने भारत में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता की भागीदारी को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक सीईओ फोरम को भी संबोधित किया। भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) वैश्विक अस्थिरता के दौर में स्थिरता प्रदान करेगा। फिलहाल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है। पीएम मोदी ने भरोसा जताया यह आंकड़ा 2030 से पहले ही दोगुना हो जाएगा। उन्होंने कहा यह समझौता दोनों देशों के व्यवसायों को नई गति और भरोसा देगा, खासकर फिनटेक और डिजिटल व्यापार के क्षेत्र में।
पीएम मोदी ने कहा भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति दुनिया के लिए एक मिसाल बन चुकी है। नेशनल पेमेंट्स कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया (एनपीसीआई) ने हाल ही में यूपीआई लेनदेन की सीमा बढ़ा दी है, जिससे डिजिटल व्यापार को और प्रोत्साहन मिलेगा। अब 15 सितंबर 2025 से चुनिंदा सत्यापित व्यापारी श्रेणियों के लिए व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) भुगतान की सीमा 10 लाख रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। यह कदम न केवल बड़े व्यवसायों बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों को भी लाभ पहुंचाएगा, जो अब डिजिटल भुगतान के माध्यम से अधिक लेनदेन कर सकेंगे। वर्तमान में भारत में होने वाले सभी डिजिटल लेनदेन में से 85% से अधिक यूपीआई के माध्यम से होते हैं, जो इसके व्यापक प्रसार और भरोसे का प्रमाण है।