
इंदौर। शहर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में सोमवार रात हुई आगजनी में दो मासूम बच्चियां जिंदा जल गई। झोपड़ी में आग लगाने वाली महिला उन दो बच्चियों की बुआ है जो हादसे में मौत के मुंह में समा गई। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है। महिला का एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था और उसका घटना से पहले विवाद भी हुआ था।
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बुआ ने लगाई थी झोपड़ी में आग
चोईथराम सब्जी मंडी (प्रकाश नगर) में सोमवार रात झोपड़ी में आग लगने के कारण मुस्कान (6) और उसकी छोटी बहन नंदू उर्फ नंदनी(4) की जिंदा जलने से मौत हो गई। राजेंद्र नगर में हादसे के समय उनकी दादी कविता बाई भी झोपड़े में ही सो रही थी। आग लगने पर वह घबराकर बाहर निकल गई। इस बीच आग ने विकराल रूप ले लिया और इससे दोनों मासूम बाहर नहीं निकल सकीं। राजेंद्र नगर पुलिस ने इस मामले में मंगलवार सुबह खुलासा करते हुए बच्चियों की बुआ बरखा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि बरखा ने ही गुस्से में झोपड़ी में आग लगाई थी।
पति को छोड़ प्रेमी के साथ रह रही थी बरखा
आग की घटना के बाद पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र, उपायुक्त जोन-1 अमित तोलानी मौके पर पहुंच गए थे। रात में ही पुलिस ने बरखा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरू कर दी। बरखा की शादी मंगल से हुई थी, लेकिन उसे छोड़कर 2 साल से प्रेमी कमल के साथ रह रही थी। कमल से खटपट होने के कारण उसका विनय से प्रेम प्रसंग चलने लगा था। कुछ समय से वह भाई सुनील के पास ही रहने आ गई थी। सोमवार शाम कमल ने उसे विनय से बात करते हुए देखा तो दोनों में कहासुनी हुई। विनय और कमल के जाने के बाद बरखा ने गुस्से में भाई सोनू की झोपड़ी में आग लगा दी।
झोपड़ी में रहता था परिवार
जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 9.30 बजे प्रकाश नगर की है। यहां झोपड़ी में सोनू मेंडा का परिवार रहता है। वे मजदूरी करते हैं और मूलतः बड़वानी जिले के रहने वाले हैं। रात को सोनू की दो बच्चियां मुस्कान 6 साल और नंदू 4 साल दादी के पास झोपड़ी में सो रही थी। आस-पास सोनू के रिश्तेदारों की भी झोपड़ी बनी हुई हैं। राजेंद्र नगर थाना प्रभारी मनीष डावर ने बताया कि एक अम्मा ने झोपड़ी में आग लगी देखीं तो वह जोर से चिल्लाई। आवाज सुन आसपास के रिश्तेदार आ गए और आग बुझाने के लिए पानी डालने लगे। लेकिन इस बीच झोपड़ी पूरी तरह से जल गई।
बच्चियों की हालत में देखा सुध-बुध खो बैठे माता-पिता
सूचना पर पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। चद्दर हटाकर देखा तो दोनों बच्चियां बुरी तरह जल चुकी थी। मां ममता और पिता सोनू ने बच्चियों को इस हालत में देखा तो वे सुध-बुध खो बैठे। बताया जाता है कि कुछ पशु भी आग की चपेट में आए हैं। बच्चियों का पिता के माता-पिता मंडी में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। उनका डेढ़ साल का बेटा युवराज और दोनों बेटियां अकसर अपनी दादी कविता बाई के पास ही रहती थीं।