Shivani Gupta
16 Sep 2025
Shivani Gupta
16 Sep 2025
Manisha Dhanwani
16 Sep 2025
Manisha Dhanwani
16 Sep 2025
नई दिल्ली। गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, पेन्नार, नर्मदा, तापी, साबरमती, गोदावरी, महानदी, कावेरी समेत कई नदियों में पानी तेजी से घट रहा है। पिछले साल की तुलना में इन नदियों में कम पानी बचा है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के विश्लेषण के अनुसार महानदी और पेन्नार के बीच पूर्व की ओर बहने वाली 13 नदियों में इस समय पानी नहीं है। ये हैं- रुशिकुल्या, वराह, बाहुदा, वंशधारा, नागावली, सारदा, तांडव, एलुरु, गुंडलकम्मा, तम्मिलेरु, मुसी, पलेरु और मुनेरु। ये नदियां आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा से होते हुए बहती हैं। गर्मी से पहले इनकी ये हालत चिंताजनक है। इन नदियों से 86,643 वर्ग किलोमीटर का इलाका सिंचित होता है। फिर ये नदियां बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं। इनके बेसिन में 60 फीसदी हिस्सा कृषि क्षेत्र है। यानी इस बार पानी की कमी का असर फसलों पर भी पड़ेगा।
आंध्र-तेलंगाना में बारिश की कमी: मौसम विभाग के अनुसार आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक मार्च 2024 से बारिश में काफी ज्यादा कमी महसूस की गई है। आंध्र में 65 और तेलंगाना में 67 फीसदी की कमी है। हमारी नदियां सिंचाई, पीने के लिए पानी देती हैं। ट्रांसपोर्ट और बिजली उत्पादन में भी मदद करती हैं। इनसे सामाजिक-आर्थिक विकास होता है।
देश का सबसे बड़ा नदी बेसिन गंगा का है। लेकिन यहां अभी आधे से भी कम स्टोरेज है। यानी इसमें 41.2% पानी ही मौजूद है। यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में कम है। गंगा नदी 11 राज्यों में करीब 2.86 लाख गांवों को सिंचाई और पीने का पानी देती है। लेकिन अब यह मात्रा घट रही है। गंगा बेसिन से पानी का कम होना खेतीबाड़ी को प्रभावित करेगा, क्योंकि इस बेसिन का 65.57% इलाका कृषि भूमि है। नर्मदा में 46.2%, तापी में 56%, गोदावरी में 34.76%, महानदी में 49.53% और साबरमती में 39.54% पानी की कमी है।
आईआईटी गांधीनगर द्वारा संचालित भारत सूखा मॉनिटर के अनुसार नदी बेसिन की सीमाओं के भीतर कई क्षेत्र ‘अत्यधिक’ से ‘असाधारण’ सूखे से गुजर रहे हैं। देश में 35.2% क्षेत्र फिलहाल ‘असामान्य’ से ‘असाधारण’ सूखे की कैटेगरी में हैं। चिंताजनक यह है कि इसमें से 7.8% इलाका ‘अत्यधिक’ सूखे में है। 3.8% ‘असाधारण’ सूखे में है। एक साल पहले यह क्रमश: 6.5% और 3.4% थी। कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्य वर्षा की कमी से सूखा या उसके जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं।
सीडब्ल्यूसी के पास 20 नदियों के बेसिन का लाइव डेटा रहता है। अधिकांश बेसिनों में 40% से स्टोरेज क्षमता रिकॉर्ड की गई। 12 नदियों के बेसिन में पानी का स्टोरेज पिछले साल की तुलना में कम है। कावेरी, पेन्नार और कन्याकुमारी के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियां सबसे अधिक नुकसान में हैं। यहां स्टोरेज बहुत कम है।