Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
रायपुर। सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियार रखने के आरोप में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी तोमर को रायपुर पुलिस ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया है। बीते 5 महीनों से फरार वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी रायपुर क्राइम ब्रांच और पुरानी बस्ती थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में हुई है। पुलिस आरोपी को रायपुर लेकर आई है और ACCU कार्यालय में उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं उसका भाई रोहित तोमर अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई है।
वीरेंद्र सिंह तोमर रायपुर का आदतन अपराधी (हिस्ट्रीशीटर) है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह अपने छोटे भाई रोहित तोमर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सूदखोरी और रंगदारी का काम करता था। आरोपी कर्जदारों से मूलधन से कई गुना ब्याज वसूलता था और रकम नहीं देने पर मारपीट व धमकी देता था। वीरेंद्र तोमर के खिलाफ 6 से ज्यादा थानों में मामले दर्ज हैं। इनमें मारपीट, उगाही, चाकूबाजी, ब्लैकमेलिंग और आर्म्स एक्ट के तहत केस शामिल हैं। उसका पहला आपराधिक मामला साल 2006 में दर्ज हुआ था।
करीब 5 महीने पहले रायपुर के प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने तेलीबांधा थाने में रोहित तोमर पर मारपीट का आरोप लगाकर FIR दर्ज कराई थी। FIR के बाद रोहित फरार हो गया, और जल्द ही उसका भाई वीरेंद्र भी गायब हो गया। वीरेंद्र के घर की तलाशी के दौरान पुलिस को अवैध हथियार मिले, जिसके बाद उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
तोमर बंधुओं की फरारी के बाद पुलिस ने उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने 40 करोड़ रुपए से अधिक की रजिस्ट्री के दस्तावेज, 3.5 करोड़ रुपए का सोना, 10 लाख रुपए की चांदी, बैंक पासबुक, चेक और एटीएम कार्ड जब्त किए। पुलिस को शक है कि यह संपत्ति उन लोगों की है जिनसे तोमर ब्रदर्स ने सूद पर पैसा देकर ब्लैकमेलिंग के जरिए उनकी प्रॉपर्टी कब्जे में ली थी।
जांच में पता चला कि रोहित और वीरेंद्र जब किसी को पैसा उधार देते, तो ब्लैंक चेक लेकर हस्ताक्षर और अंगूठा निशान करवाते थे। फिर समय पर भुगतान न करने पर दबाव डालकर उनकी जमीन, मकान और दुकान अपने नाम करवाते थे।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वीरेंद्र और रोहित की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सरकारी वकील ने अदालत में बताया था कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उन पर लगभग 16 मामले दर्ज हैं। हालांकि, उनकी पत्नियों और भतीजे की जमानत मंजूर की गई थी।