Aniruddh Singh
7 Oct 2025
वाशिंगटन। अमेरिकी श्रम सांख्यिकी ब्यूरो ने जुलाई 2025 का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) डेटा जारी कर दिया है। जारी आंकड़ों में महंगाई दर स्थिर रहने और कोर महंगाई में हल्की बढ़त का संकेत हैं। श्रम सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की सालाना महंगाई दर जुलाई में 2.7% रही, जो जून के समान है और बाजार की 2.8% की उम्मीद से कम है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव अभी सीमित है। मासिक आधार पर सीपीआई में 0.2% की वृद्धि देखने को मिली है, जो जून के 0.3% की तुलना में थोड़ी कम और अनुमान के अनुरूप है। कोर सीपीआई में तेजी आई है। कोर सीपीआई में खाद्य और ऊर्जा की कीमतें शामिल नहीं होतीं।
कोर सीपीआई जुलाई में सालाना आधार पर 3.1% पर पहुंच गया, जो जून के 2.9% से अधिक है और बाजार के 3% के अनुमान को पार कर गया है। मासिक आधार पर कोर सीपीआई में 0.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे बड़ी वृद्धि है, जबकि जून में यह 0.2% बढ़ा था। इससे पता चलता है कि अमेरिका में अंतर्निहित महंगाई का दबाव अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है और कुछ क्षेत्रों में कीमतें अपेक्षा से तेजी से बढ़ रही हैं। अमेरिका में महंगाई की रफ्तार अपेक्षा से थोड़ी धीमी रही, जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व अपनी अगली नीतिगत बैठक में सितंबर में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि कोर सीपीआई पर आगे और दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि ऊंचे टैरिफ वाले सामानों का आयात महंगा हो जाएगा और कंपनियां यह अतिरिक्त लागत उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल इन शुल्कों का असर कुछ श्रेणियों तक ही सीमित है और व्यापक पैमाने पर कीमतें नहीं बढ़ी हैं, क्योंकि कंपनियां अभी भी पुराने स्टॉक को बेच रही हैं और धीरे-धीरे नई कीमतें लागू कर रही हैं। ब्याज दरों के लिहाज से देखें तो डेटा जारी होने से पहले कई विश्लेषकों का अनुमान था कि अगर महंगाई कमजोर या स्थिर रहती है, तो सितंबर में 0.25% की दर कटौती का रास्ता साफ हो सकता है। अब सीएमई के फेडवाच टूल के अनुसार सितंबर में दरों को मौजूदा 4.25%-4.50% के दायरे से घटाने की संभावना 90% से ऊपर पहुंच गई है, जो एक दिन पहले 86% थी। इस उम्मीद को जुलाई की कमजोर नौकरियों की रिपोर्ट ने और बल दिया, जिसमें जून और मई के रोजगार आंकड़ों में भी बड़ी कटौती की गई थी।
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विभिन्न श्रेणियों के डेटा से पता चलता है कि ऊर्जा सूचकांक में सालाना आधार पर 1.6% की गिरावट आई है, जबकि खाद्य सूचकांक में 2.9% की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही, आश्रय से संबंधित लागत में जुलाई में 0.2% की बढ़ोतरी हुई है, जिसने मासिक सीपीआई में सबसे अधिक योगदान दिया है। इससे पता चलता है कि हाउसिंग और रेंट की लागत अब भी अमेरिकी महंगाई में प्रमुख भूमिका निभा रही है। बाजार को उम्मीद थी कि जुलाई में मासिक सीपीआई 0.2% और सालाना आधार पर 2.8% रहेगी। कोर महंगाई को लेकर भी 0.3% मासिक और 3.0% सालाना बढ़त का अनुमान था। हालांकि, कुल सीपीआई अनुमान से कम रहा, लेकिन कोर सीपीआई में उम्मीद से अधिक तेजी बाजार और नीति निर्माताओं के लिए सतर्कता का संदेश अपनाने का संकेत देता है। रिपोर्ट में अमेरिकी श्रम बाजार से जुड़े आंकड़े भी शामिल हैं, जो अपेक्षाओं से कमजोर दिखाई दिए। जुलाई में केवल 73,000 नई नौकरियां सृजित हुईं, जबकि अनुमान 100,000 का था। पिछले तीन महीनों में औसतन सिर्फ 35,000 नौकरियों की बढ़ोतरी हुई है, जो रोजगार बाजार की सेहत में गिरावट का संकेत है।
आंकड़ो से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन की रफ्तार धीमी पड़ी है। फेडरल रिजर्व के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि उसके दोहरे लक्ष्य-महंगाई पर नियंत्रण और अधिकतम रोजगार- को अब संतुलित करने की मांग कर रहा है। महंगाई दर स्थिर है और कुल सीपीआई में वृद्धि सीमित है, लेकिन कोर महंगाई के बढ़ने और रोजगार बाजार की कमजोरी के चलते फेडरल रिजर्व के चेयमैन जेरोम पावेल को ब्याज दरों में कटौती कर आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने पर विचार करना पड़ सकता है। इन आंकड़ों का सीधा असर अमेरिकी वित्तीय बाजारों पर भी पड़ सकता है। जहां कम सीपीआई ने ब्याज दर कटौती की संभावनाओं को बनाए रखा है, वहीं कोर सीपीआई के मजबूत आंकड़े संकेत देते हैं कि फेड तुरंत आक्रामक कदम उठाने से पहले सतर्क रुख अपना सकता है। इस स्थिति में निवेशकों की नजर अब फेड चेयरमैन जेरोम पावेल के बयानों पर होगी, ताकि वे आकलन कर सकें कि मौद्रिक नीति का अगला कदम किस दिशा में जाएगा।