Mithilesh Yadav
14 Sep 2025
राजीव सोनी
भोपाल। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में निजी कांट्रेक्टर्स, शासन के कॉर्पोरेशन, राजस्व और शिक्षा जैसे विभाग के हजारों करदाता ऐसे हैं जिनका टीडीएस तो काटा गया, लेकिन आयकर विभाग में जमा नहीं हुआ। या फिर समय पर क्वार्टरली टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया। पैन नंबर विधिवत लिंक न होने एवं मिसमैच जैसे मामले भी हैं। करदाताओं को 'क्रेडिट' मिलने के बजाए रिकवरी के नोटिस मिल रहे हैं।
आयकर विभाग अब शासकीय महकमों के आहरण एवं भुगतान अधिकारियों (डीडीओ) को बुलाकर कामकाज संवधी प्रशिक्षण देने की तैयारी में है। कर्मचारी, किसान और अन्य लोगों पर भारी डिमांड निकल रही है। रिकवरी की राशि 200 करोड़ रुपए से अधिक की है। कई मामलों में यह 'फेक डिमांड' भी है। मन-छग में हजारों लोग परेशान हो रहे हैं।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे प्रकरण भी हैं जिनमें टीडीएस का पैसा जिला कोषालय में पड़ा है आयकर विभाग में जमा ही नहीं हुआ। अथवा क्वार्टरली रिटर्न ही नहीं जमा किया। सेलरी मामले में आईटी एक्ट की धारा 24 क्यू और कांट्रेक्ट आदि में धारा 26 क्यू के तहत समय पर टीडीएस रिटर्न जमा करना जरूरी है। ऐसा न होने पर वलेम आदि अटकने के साथ डिमांड-पेनाल्टी भी खड़ी हो जाती है।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में पैन लिंक न होने, मिसमैच अथवा टीडीएस रिटर्न दाखिल न होने के कारण बड़ी संख्या में रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं। नियम के अनुसार औसतन प्रतिदिन 200 रुपए की पेनाल्टी का प्रावधान भी है। आयकर ने राज्य सरकार के विभागों को टीडीएस रिटर्न सहित अन्य जरूरी नियमों का ब्यौरा भेजा है। साथ ही डीडीओ को आयकर भवन में बुलाकर ट्रेनिंग देने का कार्यक्रम भी बनाया है।
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सागर जिले की एक महिला शिक्षक अनुराधा (बदला हुआ नाम) ने आयकर को शिकायत भेजी है कि जानबूझकर उसका पैन लिक नहीं किया गया। इस वजह से उस पर भारी-भरकम राशि की डिमांड निकल रही है। पैन लिंक कराने के लिए उससे रिश्वत की मांग की जा रही है। आयकर ने अब ऐसे मामलों पर भी संज्ञान लिया है। विभागीय अफसरों से पूछताछ की गई है।
शासकीय विभागों सहित सभी संस्थानों को टीडीएस रिटर्न समय पर दाखिल करने की अनिवार्यता है। ऐसा न होने पर करदाता को क्लेम नहीं मिल पाता बल्कि आयकर विभाग उस पर रिकवरी भी निकाल देता है।
मनीष सिंह, चार्टर्ड एकाउंटेंट भोपाल
राज्य सरकार के अनेक विभागों में यह समस्या मौजूद है। कई किसानों को भूमि अधिग्रहण का पैसा मिला लेकिन टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं होने से उन्हें क्रेडिट नहीं मिल पाया। ऐसे में विभाग भी उनकी आय पर डिमांड निकालेगा।
डॉ. आरएन सिंह, आईटी एक्ट विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त अधिकारी..