Aakash Waghmare
29 Dec 2025
Shivani Gupta
29 Dec 2025
Aakash Waghmare
29 Dec 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 दिसंबर 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2017 के उन्नाव रेप मामले में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित किया गया था। शीर्ष अदालत ने इस मामले में सेंगर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सीजेआई सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई। सीबीआई ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
पीड़िता के वकील महमूद प्राचा ने सीबीआई पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने जरूरी दस्तावेज आखिरी समय तक रोके रखे। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह तरीका सिर्फ इस केस में ही नहीं, बल्कि हाथरस मामले में भी अपनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर से पीड़ित परिवार ने राहत महसूस की है। पीड़िता ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिला है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आगे भी न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक कुलदीप सिंह सेंगर को फांसी की सजा नहीं मिलेगी, तब तक उनके परिवार को सच्चा न्याय नहीं मिलेगा।
पीड़िता ने भावुक होते हुए कहा कि उनके पिता की आत्मा को तभी शांति मिलेगी, जब दोषी को फांसी की सजा मिलेगी। उन्होंने इस लंबी लड़ाई में साथ देने वालों का आभार भी जताया।
इस बीच कुलदीप सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि उनका परिवार पिछले आठ सालों से चुपचाप न्याय का इंतजार कर रहा है और कानून पर भरोसा बनाए हुए है।
इशिता सेंगर ने कहा कि उनकी पहचान सिर्फ एक पूर्व बीजेपी विधायक की बेटी तक सीमित कर दी गई है। उन्हें सोशल मीडिया पर नफरत, गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने अपील की कि उनका परिवार किसी तरह की रियायत या सहानुभूति नहीं चाहता, बल्कि सिर्फ यह चाहता है कि कानून बिना किसी दबाव या डर के निष्पक्ष तरीके से काम करे।