Naresh Bhagoria
29 Dec 2025
नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक रिश्ते नए साल में एक नई ऊंचाई छूने वाले हैं। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि 1 जनवरी 2026 से ऑस्ट्रेलिया, भारत से निर्यात होने वाले सभी उत्पादों पर आयात शुल्क पूरी तरह समाप्त कर देगा। इसका मतलब यह है कि अब भारतीय कंपनियों और कारोबारियों को अपने सामान को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में बेचने के लिए किसी तरह का टैरिफ नहीं चुकाना होगा। यह फैसला दोनों देशों के बीच लागू आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते यानी ईसीटीए के तहत लिया गया है।
इस कदम से भारतीय उत्पाद ऑस्ट्रेलिया में पहले से ज्यादा किफायती और प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे। खासकर कपड़ा, चमड़ा, फुटवियर, ज्वेलरी, फार्मा, कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग गुड्स और आईटी से जुड़े सेक्टर को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। शुल्क हटने से इन सेक्टरों की मांग बढ़ सकती है और भारतीय कंपनियों के लिए नए ऑर्डर मिलने के रास्ते खुलेंगे। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यह फैसला सिर्फ निर्यात बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर किसानों, छोटे कारोबारियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर भी पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित और उच्च आय वाले देश में भारतीय उत्पादों की पहुंच बढ़ने से विदेशी मुद्रा आय में इजाफा होगा और देश के भीतर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह निर्णय भारत की उस दीर्घकालिक रणनीति को भी दर्शाता है, जिसके तहत वह वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पहचान बनाना चाहता है। ऑस्ट्रेलिया पहले से ही भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है और अब यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा। कुल मिलाकर, 1 जनवरी 2026 से भारतीय निर्यात पर पूरी तरह शुल्क खत्म होना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो मेक इन इंडिया को वैश्विक मंच पर नई ताकत देगा।