मास्को। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दावा किया कि यूक्रेन ने उत्तर-पश्चिमी रूस के नोवगोरोड क्षेत्र में स्थित पुतिन के सरकारी आवास को निशाना बनाकर 91 लंबी दूरी के ड्रोन दागे। लावरोव के अनुसार, रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन को मार गिराया और इस हमले में न किसी की जान गई और न ही किसी तरह का नुकसान हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए रूस अब शांति वार्ता में अपने रुख की समीक्षा करेगा, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ बातचीत की प्रक्रिया से रूस फिलहाल बाहर नहीं होगा।
जेलेंस्की ने कहा झूठा दावा कर रहा रूस
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया कि यूक्रेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक सरकारी आवास पर ड्रोन हमला किया है। जेलेंस्की ने इसे रूस का सामान्य झूठ करार देते हुए कहा कि ऐसे आरोपों का मकसद चल रही शांति वार्ताओं को कमजोर करना और युद्ध जारी रखने का बहाना बनाना है। उनका कहना है कि जब शांति की दिशा में बातचीत आगे बढ़ रही है, तब इस तरह के दावे जानबूझकर माहौल बिगाड़ने के लिए किए जा रहे हैं।
कि दुनिया को इस वक्त चुप नहीं रहना चाहिए
उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि दुनिया को इस वक्त चुप नहीं रहना चाहिए और रूस को स्थायी शांति की कोशिशों को कमजोर करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उनके मुताबिक, ऐसे आरोप रूस को आगे और हमले करने का बहाना देने के लिए गढ़े जा रहे हैं। यह विवाद ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिका और यूक्रेन के बीच फ्लोरिडा में अहम बातचीत हुई। इस बैठक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की ने युद्ध खत्म करने के लिए संशोधित शांति योजना पर चर्चा की। जेलेंस्की के अनुसार, अमेरिका ने यूक्रेन को 15 वर्षों तक सुरक्षा गारंटी देने का प्रस्ताव दिया है और इस मुद्दे पर लगभग पूरी सहमति बन चुकी है।
रूस कीव की इमारतों को बनाता रहा है निशाना
जेलेंस्की ने इन आरोपों को पूरी तरह झूठा बताते हुए कहा कि रूस पहले भी कीव में सरकारी इमारतों को निशाना बनाता रहा है और अब उलटे यूक्रेन पर ऐसे आरोप लगा रहा है। हालांकि, जमीन से जुड़े विवाद और रूस के कब्जे वाले इलाकों, खासकर डोनबास क्षेत्र और जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र को लेकर अब भी मतभेद बने हुए हैं। कुल मिलाकर, ड्रोन हमले को लेकर रूस और यूक्रेन के बयानों में गहरा टकराव साफ दिखता है। जहां रूस इसे शांति वार्ता के लिए गंभीर उकसावे के तौर पर पेश कर रहा है, वहीं यूक्रेन का कहना है कि यह केवल एक राजनीतिक चाल है। ऐसे में आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि यह आरोप-प्रत्यारोप शांति प्रयासों को कितना प्रभावित करते हैं।