Mithilesh Yadav
2 Nov 2025
पल्लवी वाघेला, भोपाल। रक्षाबंधन का त्यौहार यूं तो हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है, लेकिन हम बात कर रहे हैं, भाई-बहन की ऐसी तीन जोड़ियों की जो सालों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार साथ मनाने वाले हैं। दरअसल, दो मामलों में संपत्ति विवाद और एक मामले में माता-पिता के विवाद के कारण भाई-बहन दूर थे। संयोग से राखी के पहले पखवाड़े में यह तीनों विवाद सुलझ गए और इस बार का रक्षा बंधन इन भाई-बहनों के लिए दिलों का मैल साफ करने और रिश्ते के नए ताने-बाने को रचने का जरिया बनेगा।
इंदौर में रहने वाले दंपति के बीच विवाद बढ़े तो पत्नी 5 साल पहले बेटी के साथ भोपाल आ गई। छोटा बेटा इंदौर में पिता के साथ रहा। पत्नी ने भोपाल फैमिली कोर्ट में केस लगाया। तीन साल पहले बच्चों की कस्टडी को लेकर अभिभावक ऐसे अड़े कि बच्चों को आपस में मिलने नहीं दिया। पिता हर पेशी में बेटे को साथ लेकर आता था। पिछले दिनों बेटे ने काउंसलर के सामने कहा कि बहन की याद आती है। काउंसलर के समझाने पर दंपति ने फैसला लिया कि इस साल बेटी की दसवीं होने के बाद पत्नी इंदौर शिफ्ट हो जाएगी। कोर्ट में लिखित समझौता हुआ कि दोनों अलग रहेंगे, लेकिन बच्चे बारी-बारी हर वीकेंड दोनों के साथ मनाएंगे। इस समझौते की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को पत्नी बेटी को लेकर इंदौर रवाना हुई है ताकि वर्तमान में करीब 12 और 15 साल के उनके बच्चे रक्षाबंधन साथ मना सकें।
साल 2010 में भाई ने अपनी बहन से प्लाट खरीदा और पांच साल में पूरा पैसा देकर रजिस्ट्री करने को कहा। इस बीच उसने मकान बना लिया था। जीजा का तर्क था कि होशंगाबाद रोड पर अब जमीन के दाम बढ़ चुके हैं और इसलिए उन्हें प्लाट के दो लाख रुपए और मिलना चाहिए। इस बात से विवाद शुरू हुआ। भाई ने बहन के खिलाफ कोर्ट में केस लगाया। हालांकि, दो साल पहले उसने केस वापस ले लिया था, लेकिन रजिस्ट्री का मामला अटका होने से विधिक प्राधिकरण से मदद मांगी। यहां बीते हफ्ते हुए समझौते के बाद भाई ने बहन को अतिरिक्त एक लाख रुपए देने हामी भरी। बहन जमीन के समस्त कागज रक्षाबंधन के दिन सौंपेगी।
तीसरे मामले में अरेरा कॉलोनी निवासी बहन ने भाई की लव मैरिज से नाराज होकर सात साल पहले सारे रिश्ते खत्म कर लिए। यही नहीं उसने मृत पिता की संपत्ति में हिस्सा मांगते हुए तीन साल पहले केस भी लगा दिया। दरअसल, भाई का रिश्ता उसकी ननद से तय था, लेकिन भाई ने चुपचाप मंदिर में शादी कर ली थी। भाई को मध्यस्थता केन्द्र की जानकारी मिली। यहां बहन को समझाया कि ननद शादी कर अपने परिवार में खुश है। भाई के पास संपत्ति के नाम पर केवल पिता का दिया मकान है, जबकि बहन का स्वयं का बुटीक अच्छा चल रहा है। इसके बाद बहन ने बीते हफ्ते कोर्ट में लगाया केस वापस ले लिया और इस बार पहली बार भाई-भाभी के साथ राखी मनाएगी।
[quote name="शैल अवस्थी, काउंसलर फैमिली कोर्ट" quote="भारत में त्यौहार केवल उत्सव नहीं बल्कि रिश्तों की प्रगाढ़ता को बढ़ाने का जरिया भी हैं। इसलिए कई बार नवाचार के तहत फैमिली कोर्ट के माध्यम से साथ सेलिब्रेशन के लिए कहा जाता है, ताकि रिश्तों में ऊर्जा का संचार हो सके।" st="quote" style="1"]