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Garima Vishwakarma
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नई दिल्ली। एक्सीडेंट के बाद देर से एंबुलेंस पहुंचने के मामले को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक समाधान बताया है। बुधवार को उन्होंने सदन को बताया कि अब केंद्र सरकार राज्यों को किलोमीटर के हिसाब से एंबुलेंस उपलब्ध करा देगी, लेकिन राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि दुर्घटना की सूचना मिलने पर 10 मिनट में एंबुलेंस मौके पर पहुंचना चाहिए।
मंगलवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे पर हुई दुर्घटना के एक घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची थी। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया। इस विषय को सरकार ने गंभीरता से लिया। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सदन को बताया कि केंद्र सरकार इस संबंध में राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (MOU) करने जा रही है।
गडकरी ने बताया कि राज्य अपनी सड़क लंबाई के आधार पर एंबुलेंस की आवश्यकता बताएंगे। केंद्र सरकार अपने खर्च पर एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी, लेकिन शर्त यह होगी कि दुर्घटना की सूचना मिलने के दस मिनट के भीतर एंबुलेंस मौके पर पहुंचनी चाहिए। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य ने राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा और संरक्षा का मुद्दा उठाया।
गडकरी ने कहा कि सड़क और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में काफी प्रगति हुई है, लेकिन मानवीय व्यवहार अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि देश में हर साल लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब एक लाख 80 हजार लोगों की जान चली जाती है।
आईआईएम दिल्ली की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि घायलों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल जाए, तो करीब 50 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती है। गडकरी ने माना कि दुर्घटना के बाद दस मिनट में एंबुलेंस पहुंचने की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने बताया राहवीर योजना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को पुरस्कृत किया जाता है। इसके साथ ही अब राज्य सरकारों से एमओयू करने जा रहे हैं।