भोपाल/श्योपुर। कूनो पार्क में रविवार शाम उदय नाम के एक नर चीते की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसके पहले 27 मार्च को एक मादा चीता साशा भी दम तोड़ चुकी है। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह 9 बजे चीता उदय को पार्क के बोमा क्रमांक-दो में बीमार अवस्था में देखा था। जब वनकर्मियों ने आवाज लगाई तो वह लड़खड़ाते हुए चल रहा था। तत्काल इसकी जानकारी चीता प्रोजेक्ट के तहत वहां तैनात वन्य प्राणी चिकित्सकों को दी गई। जिसके बाद उदय को ट्रैंकुलाइज कर उपचार शुरू किया गया। आइसोलेशन के दौरान ही डॉक्टरों की निगरानी में शाम 4 बजे उदय ने आखिरी सांस ली।
12 घंटे में बिगड़ी तबियत, हुई मौत
भारत में चीता प्रोजेक्ट का पूरा काम नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के तय प्रोटोकाल के हिसाब से चलता है। इसके तहत कूनो में पदस्थ अमला चीतों की सुबह-शाम निगरानी करता है। जब कल शाम को उदय की निगरानी की गई थी तो वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। अगले दिन यानी आज सुबह उसके बीमार होने की सूचना मिलते ही अमले ने उसका उपचार शुरू किया था। अभी उदय की मौत के कारण का खुलासा नहीं हो सका है, लेकिन केवल एक दिन के भीतर ही तबियत बिगड़ने और मौत हो जाने के कारण मामला संदिग्ध हो गया है। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री ने सभी 19 चीतों का नामकरण किया था।
दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था उदय
उदय उन 12 चीतों में शामिल था जिन्हें दूसरी खेप में दक्षिण अफ्रीका से लाया गय़ा था। स्टेट वाइल्ड लाइफ हेडक्वार्टर से मिली जानकारी के अनुसार अन्य 11 चीते फिलहाल स्वस्थ हैं और एनटीसीए की गाइडलाइन के तहत उनकी निगरानी की जा रही है। इससे पहले जिस मादा चीता साशा की मौत हुई थी, उसे पहली खेप में नामीबिया से 7 अन्य चीतों के साथ लाया गया था।
https://twitter.com/psamachar1/status/1650161136246075393?t=7A3yn1qZw5xIfcFTbWo7OQ&s=08
ये भी पढ़ें -
पीपुल्स इंपैक्ट-सोशल मीडिया पर नॉर्थ ईस्ट के निवासियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुनील भंडारी ने मांगी माफी, सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया माफी-पत्र