Aditi Rawat
10 Nov 2025
Manisha Dhanwani
10 Nov 2025
स्टॉकहोम। नोबेल पुरस्कारों का इंतजार पूरी दुनिया को रहता है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 2025 के फिजिक्स नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize Physics 2025) के विजेताओं के नाम घोषित कर दिए है। जिसमें अमेरिका के तीन प्रमुख वैज्ञानिक को यह सम्मान मिला है।
बता दें कि, घोषणा स्टॉकहोम में भारतीय समयानुसार शाम 3:15 बजे की गई। यह सम्मान फिजिक्स का बड़ा सम्मान है जो तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को मिला है। पुरस्कार राशि 10.3 करोड़ रुपए है। इन तीनों वैज्ञानिकों ने एक इलेक्ट्रिकल सर्किट पर काम किया। इस छोटे से सर्किट में उन्होंने दो बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं जैसे कि क्वांटम टनलिंग और क्वांटाइज्ड एनर्जी लेवल्स। आमतौर पर ऐसी खोजें बहुत छोटे स्तर पर ही संभव होती हैं। जिन्हें देखने के लिए माइक्रोस्कोप की जरूरत पड़ती है। लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने यह कारनामा एक हाथ में पकड़ने लायक सर्किट में किया। यही वजह है कि यह उपलब्धि बेहद अनोखी और ऐतिहासिक मानी जा रही है।
क्वांटम मैकेनिक्स के नियम आमतौर पर सूक्ष्म कणों (जैसे इलेक्ट्रॉन्स) पर लागू होते हैं। लेकिन अब पहली बार इन्हें मैक्रोस्कोपिक यानी बड़े स्तर पर साबित किया गया। इसका मतलब है कि अब क्वांटम सिद्धांतों को रोजमर्रा की तकनीक में लागू करना आसान होगा। इस खोज से कई क्षेत्रों को फायदा मिलेगा क्वांटम क्रिप्टोग्राफी यानी सूचनाओं को बेहद सुरक्षित तरीके से एन्क्रिप्ट करने की तकनीक। क्वांटम कंप्यूटर जो सामान्य कंप्यूटरों से लाखों गुना तेज हो सकते हैं। क्वांटम सेंसर जो बेहद सटीक माप करने में मदद करेंगे।
नोबेल प्राइज 1901 से दिया जा रहा है। अब तक 118 वैज्ञानिकों को भौतिकी का नोबेल मिल चुका है। सबसे कम उम्र के विजेता रहे लॉरेंस ब्रैग, जिन्हें सिर्फ 25 साल की उम्र में 1915 में यह पुरस्कार मिला। सबसे बुजुर्ग विजेता बने आर्थर अश्किन जिन्हें 96 साल की उम्र में 2018 में सम्मानित किया गया। भारत का नाम भी फिजिक्स के नोबेल प्राइज से जुड़ा है। सर सीवी रमन को 1930 में यह सम्मान मिला। उनकी खोज रमन इफेक्ट आज मेडिकल और लेजर तकनीक में काम आती है।