Hemant Nagle
22 Dec 2025
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप से एक और बच्ची की जान चली गई। जुन्नारदेव की रहने वाली जेयूशा का नागपुर के जीएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। बताया गया कि जेयूशा का प्राथमिक उपचार भी आरोपी प्रवीण सोनी ने ही किया था।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जांच में मानकों पर खरे न उतरने वाले दो और कफ सिरप को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। इससे पहले कोल्ड्रिफ नामक सिरप को बैन किया गया था। उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के मामलों को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है और सख्त कार्रवाई की जा रही है।
शुक्ल ने बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 4 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अब हर कफ सिरप के लेबल पर यह स्पष्ट लिखा जाए कि यह ‘चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं है।’ इस मुद्दे पर सरकार ने बाल रोग विशेषज्ञों के संगठनों से भी चर्चा की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिस सिरप के सेवन से बच्चों की मौत हुई, उसकी आपूर्ति सरकारी स्तर पर नहीं थी। फिर भी सरकार यह जांच कर रही है कि यह सिरप बाजार में कैसे पहुंचा और इसकी बिक्री कैसे हो रही थी। मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।