शैलेन्द्र वर्मा, इंदौर। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) प्रदेशभर में प्लास्टिक मिक्स सड़कों का निर्माण करने की तैयारी में है। इसके लिए एनएचएआई अधिकारियों की इंदौर नगर निगम से चर्चा जारी है। दरअसल, एनएचएआई सड़क निर्माण में जिस प्लास्टिक का उपयोग करने वाला है, वह इंदौर नगर निगम से प्राप्त होगा। एनएचएआई इंदौर बायपास पर बनने वाले फ्लायओवर ब्रिज पर पहला प्रयोग करेगा, इसके बाद प्रदेशभर में इसी प्लास्टिक की सड़कें बनाई जाएंगी। वहीं इंदौर नगर निगम एनएचएआई के अधिकारियों से बातचीत के बाद प्लास्टिक कचरे को सड़कों के निर्माण में लगाने की तैयारी में है।
निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने बताया कि शहर से एकत्रित प्लास्टिक डिस्पोजल, पॉलिथीन, थर्माकोल के रेपर आदि का इसमें उपयोग होगा। वेस्ट मटेरियल को मशीन में डालकर दो से चार मिली मीटर आकार के टुकड़े किए जाएंगे। इन टुकड़ों को सड़क निर्माण में प्रयोग होने वाली गिट्टी में डालकर 150 डिग्री सेल्सियस तापमान पर गर्म किया जाएगा। टुकड़े पूरी तरह से गिट्टी के साथ उसी आकार में चिपक जाएंगे, तब उस मटेरियल को तारकोल में मिलाकर सड़क निर्माण किया जाएगा।
नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने कहा कि एनएचएआई के साथ जल्द एक एमओयू होगा, जिसके तहत इंदौर नगर निगम शहर से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट एनएचएआई को उपलब्ध कराएगा। इससे शहर से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट के निपटान की समस्या खत्म होगी। साथ ही इंदौर शहर से निकलने वाले वेस्ट का बेस्ट रियूज भी होगा।
एनएचएआई परियोजना अधिकारी सोमेश बांझल ने बताया कि सूखे कचरे को 100 प्रतिशत सड़क निर्माण में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कपड़ा, प्लास्टिक, फूट वेयर, प्लास्टिक पॉलिथीन, रबर से बनी वस्तुएं, कांच एवं चीनी से बना सामान, चॉकलेट बिस्किट सहित अन्य पैकिंग मैटेरियल, हल्की धातु से बनी वस्तुएं। साथ ही ड्राई वेस्ट में आने वाली मिट्टी और गिट्टी भी हमारे लिए काम की होती हैं। ड्राई वेस्ट को बारिक करने एवं काटने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड पर मशीन लगाई जाएगी। इसके बाद इसे तारकोल गिट्टी चूरी के साथ मिलाया जाता है।
शहर में प्लास्टिक वेस्ट का निष्पादन और रीयूज के लिए कचरे से सड़क बनाने के प्रोजेक्ट पर काम जारी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रस्ताव भेजा गया था। नगर निगम प्लास्टिक वेस्ट देने पर विचार कर रहा है। - पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर
सड़क को और ज्यादा मजबूती देने के लिए हम प्लास्टिक का उपयोग करेंगे। हम ट्रेंचिंग ग्राउंड पर स्थित ड्राई वेस्ट सेग्रीगेशन प्लांट का निरीक्षण करेंगे और यहां कितने प्रकार का वेस्ट मिल सकता है। -सोमेश बांझल, परियोजना अधिकारी एनएचएआई