Mithilesh Yadav
30 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों तीन अलग-अलग वेदर सिस्टम एक्टिव हो गए हैं। इनमें अरब सागर में बना डिप्रेशन (अवदाब), बंगाल की खाड़ी में गहरा अवदाब (डीप डिप्रेशन) और उत्तरी भारत के ऊपर सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवातीय परिसंचरण) शामिल है। इन तीनों वेदर सिस्टम की वजह से मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर लौट आया है। गुरुवार सुबह निवाड़ी और टीकमगढ़ में तेज बारिश हुई, जबकि डिंडौरी में रिमझिम फुहारें जारी रहीं। वहीं रायसेन में कोहरे और तेज हवाओं का असर देखने को मिला।
मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को सिस्टम का असर खासकर पूर्वी और दक्षिणी जिलों में रहेगा। इन 12 जिलों सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में अगले 24 घंटे में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश की संभावना है।
वहीं, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, कटनी और पन्ना में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ आंधी चलने के आसार हैं।
ऑरेंज अलर्ट (अति भारी बारिश): सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट।
येलो अलर्ट (भारी बारिश): खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, कटनी, पन्ना।
हल्की बारिश: मध्यप्रदेश के बाकी जिलों में बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा।
अरब सागर में कमजोर हुआ चक्रवात 'मोंथा' भी प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहा है। कई शहरों में हवा की रफ्तार बढ़ने से ठंड का असर दिखने लगा है। भोपाल में दिन का तापमान 25.2°C, इंदौर में 25.1°C, उज्जैन में 23°C, जबलपुर में 28.8°C और ग्वालियर में 24.6°C दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल सहित 20 से अधिक जिलों में पारा 26 डिग्री से नीचे रहा।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक प्रदेश में बारिश जारी रहेगी। 30 अक्टूबर को बारिश की गतिविधियां सबसे ज्यादा रहेंगी, इसके बाद 2 नवंबर से मौसम साफ होने लगेगा। 5 से 6 नवंबर के बीच न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी तेजी से बढ़ेगी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, नवंबर से फरवरी तक इस बार ठंड सामान्य से ज्यादा रहेगी। 2010 के बाद की सबसे ठंडी सर्दी इस बार महसूस की जा सकती है। ‘ला-नीना’ की परिस्थितियां बनने से सर्दियों के दौरान भी सामान्य से ज्यादा बारिश और तेज ठंडी हवाएं चलने की संभावना है।
13 अक्टूबर को मध्य प्रदेश से मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन इस बार सीजन ‘हैप्पी एंडिंग’ के साथ खत्म हुआ। राज्य में औसत 37.2 इंच की तुलना में 48 इंच बारिश दर्ज की गई यानी 121% बारिश। गुना सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा (65.7 इंच), जबकि शाजापुर में सबसे कम (28.9 इंच)। भोपाल, ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर और शहडोल संभागों में बारिश का कोटा फुल रहा।
31 अक्टूबर: झाबुआ, धार, खरगोन, बड़वानी, सतना, रीवा और शहडोल में भारी बारिश।
1 नवंबर: रतलाम, अलीराजपुर, बैतूल, सिवनी, बालाघाट में येलो अलर्ट।
बाकी जिलों में हल्की बारिश और बादल छाए रहेंगे।