Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी। आमतौर पर मानसून का समय सितंबर तक माना जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बारिश की संभावना जताई गई है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मध्यप्रदेश में अभी मानसून पूरी तरह विदा नहीं हुआ है।
पिछले कुछ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बारिश और धूप का मिला जुला असर देखने को मिला। भोपाल में सुबह से धूप खिली रही जिससे उमस और गर्मी बढ़ गई हैं। इंदौर में करीब एक इंच बारिश दर्ज हुई तो वहीं रतलाम में बूंदाबांदी हुई। इस तरह अलग-अलग इलाकों में मौसम ने अलग रूप दिखाया।
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में एक नया साइक्लोनिक सिस्टम बनने की संभावना है। लो प्रेशर एरिया,साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक ट्रफ की एक्टिविटी भी है इसके असर से प्रदेश में तेज बारिश का एक और दौर आने का अनुमान है।
प्रदेश में अभी अगले तीन दिनों तक कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। बीते दिन भी प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश दर्ज हो सकती है।
बारिश का यह दौर किसानों के लिए राहत लेकर आ सकता है क्योंकि कई जगह पर देर से बोई गई फसलों को पानी की जरूरत है। वहीं शहरी इलाकों में अचानक तेज बारिश से ट्रैफिक और जलभराव जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
मौसम विभाग का कहना है कि नए सिस्टम के सक्रिय होने से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रुक-रुककर बारिश हो सकती है। इसके बाद मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू होगा। मौसम विभाग ने बुधवार को नीमच, श्योपुर, मुरैना और भिंड से मानसून की विदाई होने की घोषणा कर दी।