Naresh Bhagoria
9 Oct 2025
Shivani Gupta
8 Oct 2025
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का मामला लगातार गहराता जा रहा है। इस हादसे में अब तक 20 से ज्यादा बच्चों की जान जा चुकी है, जिनकी किडनी फेल हो गई और ब्रेन में सूजन पाई गई। मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन किया था, जिसने अब बड़ी कार्रवाई करते हुए दवा कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है।
मध्य प्रदेश SIT की टीम ने बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात को तमिलनाडु के चेन्नई में दबिश दी और रंगनाथन को हिरासत में लिया। उस पर 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था। आरोपी अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। SIT अब उसे ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश लेकर आ रही है। जांच के दौरान टीम ने चेन्नई-बेंगलुरु हाइवे पर स्थित 2,000 वर्ग फुट का उसका अपार्टमेंट सील कर दिया है, जबकि कोडम्बक्कम स्थित कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस बंद मिला।
तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि, कोल्ड्रिफ कफ सिरप को नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था। कंपनी ने मार्च 2025 में चेन्नई की सनराइज बायोटेक से प्रोपलीन ग्लायकॉल के 50 किलो के दो बैग (कुल 100 किलो) खरीदे थे। यह केमिकल दवा बनाने योग्य नहीं था और इसका कोई टेस्ट या रिकॉर्ड नहीं रखा गया। कंपनी मालिक ने पूछताछ में बताया कि, भुगतान कभी कैश तो कभी G-Pay से किया गया था, लेकिन किसी भी लेनदेन का बिल मौजूद नहीं है।
लैब जांच में पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डाईएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लायकॉल (EG) जैसे जहरीले रसायनों की मात्रा सीमा से 486 गुना अधिक थी। एक विशेषज्ञ के मुताबिक, “यह मात्रा इतनी ज्यादा थी कि यह सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि हाथी जैसे बड़े जीव की भी किडनी और दिमाग को नष्ट कर सकती है।”
जांच टीम को फैक्ट्री में गंभीर अनियमितताएं मिलीं-
SIT जांच में सामने आया कि श्रीसन फार्मा ने यह जहरीला सिरप मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में सप्लाई किया था।
जांच अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी ने वही गलती दोहराई जो पहले भी भारतीय सिरप निर्माताओं ने की थी। इसी तरह के डाईएथिलीन ग्लायकॉल से दूषित सिरप के कारण 2022 में गाम्बिया और 2023 में उज्बेकिस्तान में भी बच्चों की मौतें हुई थीं।
इस कांड के बाद राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर संयुक्त जांच समिति गठित की है। अब तक की कार्रवाई में क्या-क्या हुआ-
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि,“यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि आपराधिक कृत्य है। अगर यह साबित हुआ कि कंपनी ने जानबूझकर जहरीले केमिकल का उपयोग किया, तो आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या (IPC 304) का केस चलेगा।”