Hemant Nagle
10 Nov 2025
संतोष चौधरी, भोपाल। मप्र पर्यटन बोर्ड अब एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है। इसके लिए 17 जिलों के 22 चयनित ग्रामीण क्षेत्रों में एस्ट्रो विलेज विकसित किए जाएंगे। इन विलेज में डार्क-स्काई जोन स्थापित करने और स्थानीय समुदायों को स्टारगेजिंग व खगोल-आधारित पर्यटन सेवाओं में प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, पर्यटन बोर्ड चयनित गांवों और प्रमुख पर्यटन स्थलों के आसपास ऐसे स्थान विकसित करेगा, जहां पर्यटक खगोलीय गतिविधियों का बेहतर अनुभव ले सकें।
एस्ट्रो विलेज परियोजना के तहत स्टार गेजिंग, आकाश अवलोकन, टेलीस्कोपिक व्यूइंग और खगोलीय घटनाओं को प्रदर्शित करने जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। स्थानीय युवाओं और समुदाय के सदस्यों को एस्ट्रो गाइड और सुविधादाता बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। बोर्ड ने विशेषज्ञता रखने वाली एजेंसियों से ऑफर बुलाए हैं। चयनित एजेंसियां एस्ट्रो विलेज के लिए उपकरणों की खरीद, स्काई-व्यू प्लेटफॉर्म की स्थापना और अन्य तकनीकी ढांचा तैयार करेंगी।
बालाघाट : केरा- पीपरा टोला, मुक्की और लम्पा
छिंदवाड़ा : चिमटीपुर, बिजादाना, धुसवानी, कजरा
बैतूल : बिजवाड़ा और बांचा
सिवनी : बरेली पार और कोहाका
नर्मदामपुरम : चिड़का और ढाबा
उमरिया : रांचा और दोभा
सिंगरौली : मड़ा
अनूपपुर : उमरगांव
मंडला : चौगान
पन्ना : मनूर
धार : ज्ञानपुरा
दमोह : रिचखुडी
इस बारे में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के एसीएस शिवशेखर शुक्ला का कहा है कि नेशनल पार्क और बेहतर लोकेशन वाले डेस्टिनेशन के आसपास पर्यटकों को तारामंडल के चमत्कारों का अनुभव कराया जाएगा। इसमें तारामंडल देखना, खगोल-फोटोग्राफी और खगोलीय घटनाओं का अनुभव आदि शामिल हैं। एस्ट्रो टूरिज्म के लिए प्रदेश के करीब दो दर्जन स्थानों का चयन किया गया है। वहां बच्चों को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।