Shivani Gupta
18 Oct 2025
Aakash Waghmare
18 Oct 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY)’ को औपचारिक मंजूरी दे दी गई। यह योजना 2025-26 से शुरू होकर 6 वर्षों तक चलेगी और इसका उद्देश्य देश के 100 चयनित कम कृषि उत्पादन वाले जिलों में किसानों की उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधता को बढ़ावा देना और कृषि को टिकाऊ बनाना है। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभ मिलने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना नीति आयोग के “आकांक्षी जिलों” कार्यक्रम से प्रेरित है, लेकिन इसका केंद्रबिंदु केवल कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र होंगे। योजना में कम उत्पादकता, सीमित फसल चक्र और कम ऋण वितरण वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम एक जिला इसमें शामिल किया जाएगा।
हर जिले में “धन-धान्य समिति” बनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय विशेषज्ञ, किसान और अधिकारी मिलकर कृषि संबंधी कार्यों की योजना और मॉनिटरिंग करेंगे। इसके अलावा, नीति आयोग द्वारा तैयार डिजिटल डैशबोर्ड पर 117 बिंदुओं के आधार पर हर जिले की प्रगति पर निगरानी की जाएगी।
इस योजना को सफल बनाने के लिए 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकारों की योजनाएं और निजी क्षेत्र की भागीदारी भी इसमें जोड़ी जाएगी। इस एकीकृत प्रयास से केंद्र सरकार को हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया, प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाएगी, सिंचाई व्यवस्था में सुधार करेगी और कृषि उत्पादकता को ऊंचा ले जाएगी। इससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन की नींव रखी जाएगी।