Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
भोपाल की हवा आज भी 3 दिसंबर की उस खामोश रात का दर्द समेटे हुए है। 41 साल बीत चुके हैं, पर शहर की आंखों में बसे आंसू और दिल में जमे जख्म अब भी ताजा लगते हैं। हर बरसी हमें फिर याद दिलाती है कि कैसे एक रात ने हजारों घर जला दिए, बच्चों को अनाथ कर दिया और पूरे शहर को हमेशा के लिए बदल दिया।
इस मौके पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा, जहां अलग-अलग धर्मों के गुरु एक साथ बैठकर शांति, प्रेम और मानवता की आवाज उठाएंगे। सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक चलने वाली इस सभा में हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई, बोहरा और बौद्ध धर्मगुरु अपने-अपने धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे।
कार्यक्रम में गैस राहत मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी मौजूद रहेंगे। प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक संस्थाएं, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि का अवसर है, बल्कि पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और समाज में एकता का संदेश देने का भी माध्यम है।
यह हादसा 2-3 दिसंबर 1984 की रात हुआ था, जब यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड की फ्रेक्टरी से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हो गया था। कुछ ही मिनटों में लगभग 30 टन जहरीली गैस हवा में फैल गई, जिससे भारी तबाही मच गई। सरकारी आंकड़ों के लगभग 2,159 लोगों ने जान गंवाई, दो सप्ताह में लगभग 8,000 लोगों की मौत और बाद में गैस से जुड़ी बीमारियों से करीब 8,000 और लोग मारे गए। आज भी कई लोग सांस, आंखों और स्कीन की बीमारियों से जूझ रहे हैं।
इस बरसी पर रखी गई सर्वधर्म प्रार्थना सभा का उद्देश्य उन सभी लोगों को याद करना है जिन्होंने अपनी जान गंवाई और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करना है। साथ ही समाज को यह संदेश देना है कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सुरक्षा दोनों जरूरी हैं।