Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर 2025 को भारत का दौरा करेंगे। इस दौरान उनका मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं द्विपक्षीय शिखर बैठक करना है। यह बैठक सिर्फ औपचारिक मुलाकात नहीं होगी, बल्कि भारत और रूस के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में अहम साबित होगी। पुतिन ऐसे ही देशों का दौरा करते हैं, जिनके साथ उनके रणनीतिक हित जुड़े हों या जो उनके पुराने सहयोगी हों।
इस दौरे में कई बड़े समझौते होने की उम्मीद है। संभावित तौर पर S-400 वायु रक्षा रेजीमेंट और Su-57 लड़ाकू विमान के लिए तकनीक हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन पर बातचीत हो सकती है। दोनों देश रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, अंतरिक्ष और सामरिक सहयोग के कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
4 दिसंबर-
5 दिसंबर-
इस दौरे का मुख्य एजेंडा रक्षा साझेदारी और आर्थिक सहयोग है। भारत रूस से लंबित S-400 बैटरियों की डिलीवरी पर क्लैरिटी मांग सकता है। डिफेंस सेक्रेटरी के अनुसार, बातचीत का फोकस बड़े रक्षा सहयोग और संयुक्त प्रोजेक्ट्स पर होगा।
हालांकि भारत ने अमेरिका और यूरोप से हथियारों की खरीद बढ़ाई है, रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा मिलिट्री हार्डवेयर सप्लायर बना हुआ है। SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, पिछले चार सालों में रूस भारत का प्रमुख रक्षा उपकरण सोर्स रहा है।