Garima Vishwakarma
3 Dec 2025
इंदौर में नशे का काला बाज़ार इतना फैल चुका है कि अब यह सीधे शहर की सड़कों, मंदिरों और आवासीय इलाकों में साँप की तरह फन फैलाए बैठे सौदागर चला रहे थे। पुलिस ने आखिरकार एक संयुक्त कार्रवाई में इस जाल को चीरते हुए ब्राउन शुगर और MD ड्रग की सप्लाई चेन पर करारा वार किया। तीन कार्रवाइयों में तीन तस्कर पकड़े गए, जो सस्ते में नशा खरीदकर शहर के युवाओं को जहर परोस रहे थे। कुल करीब 40 ग्राम घातक नशा बरामद हुआ, जिसकी काली बाजार कीमत लगभग 3.95 लाख रुपए है।
पहले मामले में क्राइम ब्रांच ने सदर बाजार क्षेत्र में घूम रहे रोहित प्रताप यादव को दबोचा। पुलिस को देखते ही वह भागने लगा, जिससे शक गहरा गया। घेराबंदी में पकड़े जाने पर उसके पास से 15 ग्राम ब्राउन शुगर मिली।जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 1.50 लाख बताई गई। पूछताछ में रोहित ने स्वीकार किया कि वह शहर भर के नशेड़ियों तक माल पहुँचाने वाला स्थानीय सप्लायर है।
दूसरी कार्रवाई में क्राइम ब्रांच की टीम ने MR-4 रोड पर एक सफेद स्विफ्ट डिजायर में घूम रहे दो ड्रग डीलरों को पकड़ा। गाड़ी रोकी तो दोनों के चेहरे उतर गए। तलाशी में 15 ग्राम MD ड्रग और कार बरामद हुई। आरोपी भैय्यू उर्फ असलम और अनस, दोनों रतलाम निवासी, इंदौर में MD की सप्लाई चेन चलाते थे। दोनों ने कबूल किया कि वे सस्ते में माल लाकर युवाओं को महंगे दामों में बेचते थे।
तीसरे केस में बाणगंगा पुलिस ने तेजाजी मंदिर परिसर से विकास परिहार को गिरफ्तार किया। मंदिर की आड़ में यह तस्कर 9.87 ग्राम ब्राउन शुगर छिपाकर रखे था। बरामद माल की कीमत लगभग 95 हजार आँकी गई है।
तीनों गिरफ्तारियों ने साफ कर दिया है कि इंदौर में नशे का नेटवर्क सिर्फ गलियों तक सीमित नहीं। कारों में घूमते डीलर, मंदिरों में छिपे सप्लायर और हर मोहल्ले में बैठे गिरोह इस पूरे ज़हर के कारोबार को खुल्लमखुल्ला चला रहे थे। पुलिस की यह कार्रवाई सही दिशा में बड़ा कदम है, लेकिन असली लड़ाई अभी बाकी है, क्योंकि नशे का यह जाल शहर की नसों में गहरे धँस चुका है।