Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
Naresh Bhagoria
20 Dec 2025
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20 Dec 2025
अशोकनगर। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज FIR के विरोध में मंगलवार को अशोकनगर में आयोजित न्याय सत्याग्रह सियासी हमलों और बयानों के चलते विवादों में आ गया। इस आंदोलन में भाग लेने पहुंचे ग्वालियर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर के मंच से दिए गए विवादास्पद बयान ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। गुर्जर के बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कांग्रेस से जवाब मांगा है।
कांग्रेस विधायक के बयान पर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, अशोकनगर में कांग्रेस का प्रदर्शन सिर्फ फूहड़ता और गुटबाजी का उदाहरण है। पहले खुद गलती करते हैं, फिर कानून और संविधान को नीचा दिखाकर नाटक करते हैं। इससे भी निंदनीय है कांग्रेस विधायक का बयान, जिसमें उन्होंने प्रदर्शन में शामिल नहीं होने वालों के लिए ‘हिजड़ा’ शब्द का इस्तेमाल किया। क्या वे यह कह रहे हैं कि कमलनाथ, अजय सिंह, या पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता जो वहां नहीं पहुंचे, वे भी हिजड़े हैं? जिस मंच पर दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी बैठे हो, उस मंच से प्रदर्शन में शामिल न होने वाले नेताओं को हिजड़ा कहना असंवैधानिक…
सारंग ने इसे थर्ड जेंडर और महिलाओं का अपमान बताया और कहा कि ऐसे नेता समाज में अराजकता फैला रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस मंच पर दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद थे, वहां से इस प्रकार की भाषा का उपयोग होना कांग्रेस की वैचारिक गिरावट का प्रमाण है।
साहब सिंह गुर्जर का बयान कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी को भी उजागर करता है। मंच पर बैठी पार्टी की शीर्ष नेता की मौजूदगी में दिया गया यह बयान पार्टी के भीतर के असंतोष और भीतरघात की ओर भी संकेत करता है। इससे साफ होता है कि जो नेता या कार्यकर्ता कार्यक्रम में नहीं पहुंचे, उन्हें खुलेआम निशाने पर लिया जा रहा है।
विवादित बयान के बाद भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और न ही मंच पर मौजूद अन्य वरिष्ठ नेताओं ने गुर्जर के बयान पर आपत्ति जताई, जो यह दर्शाता है कि पार्टी इस विवाद को मौन रहकर टालने की कोशिश कर रही है।
सभा के दौरान साहब सिंह गुर्जर ने मंच से कहा, “जो मर्द थे वे जंग में आए, जो हिजड़े थे वे संघ में गए। समझ गए न, इशारा ही काफी है।” इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया।
उनका कहना था कि जीतू पटवारी पर झूठी एफआईआर दर्ज की गई है, क्योंकि उन्होंने दलित, गरीब और शोषितों की आवाज उठाई। इस संघर्ष में जो उनके साथ खड़े हुए वही असली योद्धा हैं, और जो नहीं आए, उन्हें उन्होंने अपमानजनक शब्दों से संबोधित कर दिया।