People's Reporter
16 Oct 2025
संजय कुमार तिवारी
जबलपुर। आदिवासी बहुल जिले मंडला में इस दीपावली एक नई रोशनी फैल रही है। आदिवासी महिलाएं गोबर से बने रंग-बिरंगे दीयों से किस्मत चमका रही हैं। 100 से अधिक आदिवासी महिलाओं का समूह पारंपरिक गोबर दीयों को आधुनिक गोंडी पेंटिंग से सजा रहा है। इन सुंदर देसी दीयों की मांग अब देश के अन्य राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ व उप्र तक पहुंच चुकी है। अब तक 15 हजार से अधिक दीये इन राज्यों में आॅनलाइन भेजे जा चुके हैं और 30 हजार से ज्यादा की आॅनलाइन बुकिंग है।
मुंबई 3500
पुणे 2000
ठाणे 1800
छग 2000
उप्र 2000
डिंडौरी 1200
लोकल 2500
दीपावली के चलते गोबर से बने दीपकों की डिमांड तेजी से बढ़ी है। लोग इन्हें न केवल सजावट के लिए बल्कि पवित्रता और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी अपने घरों में स्थान दे रहे हैं। क्योंकि गोबर को परंपरागत रूप से शुद्ध और शुभ माना जाता है।
हमें न केवल नई कला सीखने का मौका मिला है, बल्कि घर बैठे आमदनी का साधन भी। हमें इससे अब 7 हजार रुपए की कमाई हो चुकी है। अभी काम चल रहा है, इससे भी कमाई होगी।
प्रमिला उइके, आदिवासी महिला