Aakash Waghmare
7 Dec 2025
Naresh Bhagoria
7 Dec 2025
बालाघाट। मप्र में पहली बार एक साथ 10 नक्सलियों ने रविवार को सरेंडर (Naxal surrender) कर दिया। इन नक्सलियों पर लाखों रुपए का इनाम था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav), डीजीपी कैलाश मकवाणा खास तौर से उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दो साल में मप्र के दो जिले डिंदौरी और मंडला नक्सल मुक्त हो चुके हैं। उम्मीद है कि जनवरी 2026 तक बालाघाट और कान्हा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व एरिया में भी नक्सलवादी गतिविधियां खत्म हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि लोकतंत्र में हथियार समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने नक्सलवादियों से कहा कि आओ और आगे बढ़ो, पुनर्वास की नीति अपनाओ, आगे बढ़ने पर सहयोग की गारंटी सरकार लेगी। बालाघाट सहित पूरे मप्र में एक भी व्यक्ति को हथियार उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य के अंदर दबाव के कारण कई नक्सलियों ने समर्पण किया है, इनमें से ज्यादातर दूसरे राज्यों के हैं। आज के बाद कान्हा, बांधवगढ़ टाइगर क्षेत्र में भी नक्सल संभावना शून्य हुई है।
मुख्मंत्री डॉ . यादवने कहा कि जो लोग संविधान की कॉपी लेकर सरेंडर किया उन्हें पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा। जोकानून के रास्ते पहुंचेगा सरकार पुनर्वास का काम करेगी। डॉ. यादव ने कहा कि हम जो कर सकते हैं, उससे आगे बढ़कर करेंगे। जो हथियार त्याग कर आ रहे उनकी चिंता करने का काम हमारा है। और भी जो बचे वो भी हथियार त्यागे
मीडिया से बात करते हुए डॉ. यादव ने कहा कि मप्र, छग, महाराष्ट्र सबसे बात हो रही है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के मैदान में लड़ना चाहता है उसका खात्मा करेंगे। जो सरेंडर कर रहा है उसके पुनर्वास की गारंटी ले रहे हैं। इनाम भी देंगे, मकान भी बनाकर देंगे। हथियार उठाकर जो संघर्ष करना चाहते हैं उनसे दबने वाले नहीं हैं।