Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल मानसून ने रिकॉर्ड बना दिया है। 1 जून से 31 जुलाई तक औसतन 28 इंच बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य से 59% ज्यादा है। प्रदेश के 10 जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर में पहले ही पूरा बारिश कोटा पूरा हो चुका है।
सिर्फ जुलाई की बात करें तो एवरेज 12.5 इंच बारिश के मुकाबले 21 इंच बारिश दर्ज की गई है।
तेज बारिश के कारण कई बड़े डैम जैसे बरगी, जौहिला, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर के गेट खोलने पड़े। कुल 54 बड़े डैम में पानी की आमद बढ़ी है।
पिछले 24 घंटे में कुछ प्रमुख जिलों में बारिश का आंकड़ा:
दतिया – 101.7 मिमी
जबलपुर – 33.8 मिमी
ग्वालियर – 29.7 मिमी
पचमढ़ी – 16 मिमी
सागर – 13.9 मिमी
गुना – 11.8 मिमी
इस मानसूनी सीजन में इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर, जबलपुर और आगर-मालवा जैसे जिलों में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है।
IMD के अनुसार 1 से 3 अगस्त तक कोई भारी सिस्टम नहीं होगा। लेकिन 4 अगस्त से 6 अगस्त के बीच फिर से मजबूत सिस्टम एक्टिव हो सकता है।
IMD ने शुक्रवार और शनिवार को 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है:
ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच।
फिलहाल देशभर में 3 प्रमुख चक्रवातीय परिसंचरण और एक मानसून ट्रफ एक्टिव है:
इनकी वजह से मध्यप्रदेश में दोबारा तेज बारिश की संभावनाएं बन रही हैं।
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