बेंगलुरु। मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट पर तैयार हुए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट की पहली उड़ान कामयाब रही। इस सीरीज के पहले एयरक्राफ्ट LA 5033 ने बेंगलुरु के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) सेंटर के एयरबेस पर टेस्टिंग उड़ान भरी। इस दौरान विमान 18 मिनटों तक हवा में रहा।
नए वर्जन में हुए 43 बड़े बदलाव
मार्क-1ए पिछले वर्जन से वजन में थोड़ा हल्का है, जो पहले ही एयरफोर्स में शामिल हो चुका है। इस नए वर्जन में युद्ध के लिहाज से एवियोनिक्स, हथियार और रखरखाव में 43 तरह के सुधार किए गए हैं। इसमें AESA (एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे), रडार, एडवांस्ड बियॉन्ड-विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल और हमले से खुद को बचाने की क्षमता है।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस
तेजस मार्क 1 ए लड़ाकू विमान कई सुविधाओं से लैस है। इसमें मिशन कंप्यूटर, डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर, मल्टी फंक्शन डिस्प्ले, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर, हाई क्वालिटी रडार सिस्टम आदि शामिल हैं। इसमें हैमर और ब्रह्मोस जैसी मिसाइल भी लगाने की तैयारी की जा रही है।
2200 किमी की स्पीड, 739 किमी की कॉम्बेट रेंज

मार्क-1ए पिछले वैरिएंट से थोड़ा हल्का है। लेकिन यह आकार में उतना ही बड़ा है। इसकी लंबाई 43.4 फीट और हाइट 14.5 फीट है। यह फाइटर जेट 2200 किमी प्रति घंटे की मैक्सिमम स्पीड से उड़ान भर सकता है। इसकी कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर और फेरी रेंज 3000 किलोमीटर है। यह विमान आसमान को चीरकर 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें कुल मिलाकर 9 हार्ड पॉइंट्स हैं। इसके अलावा इस वार फाइटर में 23 एमएम की ट्विन-बैरल कैनन लगी है। हार्ड पॉइंट्स में 9 अलग-अलग तरह के रॉकेट, मिसाइल और बम लगाए जा सकते हैं।
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46 हजार करोड़ की हुई थी डील
रक्षा मंत्रालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच साल 2021 में एयरफोर्स के लिए 83 तेजस मार्क-1ए बनाने के लिए 46 हजार 898 करोड़ रुपए की डील हुई थी। HAL को 2028 तक 83 एयरक्राफ्ट की डिलीवरी करनी है। बात अगर अन्य देशों की करें तो भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, रूस, चीन, इटली और रोमानिया के पास भी हल्के फाइटर जेट्स की फ्लीट है।
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