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जम्मू-कश्मीर : लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे बारामूला मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी, बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गये दोनों आतंकवादी पाकिस्तानी थे और लश्कर ए तैयबा (एलईटी) से जुड़े हुए थे। सेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर पांच के कमांडर ब्रिगेडियर दीपक देव ने राफियाबाद में संवाददाताओं को बताया, ”मारे गये आतंकवादियों की पहचान उस्मान और उमर के रूप में हुई है और दोनों ही पाकिस्तानी मूल के हैं। दोनों ही एलईटी से जुड़े हुए थे।”

मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को किया था ढेर

उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में बुधवार को हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया था और दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद बारामूला के वाटरगाम इलाके में सुबह घेराबंदी कर खोज अभियान शुरू किया था। आतंकवादियों के सुरक्षाकर्मियों पर गोली चलाने के बाद खोज अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। ब्रिगेडियर ने कहा कि उस्मान वर्ष 2020 से कश्मीर घाटी में सक्रिय था।

हथियार और गोला-बारूद बरामद

सेना के अधिकारी ने बताया कि अभियान के बाद बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से बारामूला जिले के सोपोर-राफियाबाद इलाके में एक आतंकवादी समूह की गतिविधियों की लगातार सूचना मिल रही थी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से विशेष खुफिया जानकारी मिली कि रफियाबाद इलाके के हादीपुरा गांव के एक घर में दो आतंकवादी छिपे हुए हैं।

सीआरपीएफ ने इलाके को घेरा

ब्रिगेडियर देव ने बताया कि इसके बाद भारतीय सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संयुक्त अभियान चलाया और इलाके को घेर लिया। उन्होंने बताया कि नागरिकों को मकानों से सुरक्षित निकाला गया तथा पूरे इलाके की छानबीन की गई। इस दौरान आतंकवादियों ने गोलीबारी की। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। ब्रिगेडियर देव ने दोनों आतंकवादियों के मारे जाने को सुरक्षा बलों के लिए एक और बड़ी सफलता करार दिया।

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