Garima Vishwakarma
13 Nov 2025
Priyanshi Soni
7 Nov 2025
People's Reporter
6 Nov 2025
आज के समय में अंग्रेजी और अन्य भाषाओं का अपना अलग महत्व है लेकिन हिंदी की सरलता और मधुरता हमें हमारी संस्कृति और जड़ों से जोड़ती है। स्कूल, कॉलेज, विज्ञान, तकनीक, साहित्य जैसे हर क्षेत्र में हिंदी लगातार आगे बढ़ रही है। यह हमारी पहचान है, जिसे हमें आगे बढ़ाना चाहिए। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि हिंदी दिवस साल में दो अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है।
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाकर हम अपनी मातृभाषा की अहमियत को समझते हैं। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया। 26 जनवरी 1950 से यह नियम लागू हुआ और 1953 से हर साल यह दिन हिंदी के सम्मान में मनाया जाने लगा।
हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 1975 में इसी दिन पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में आयोजित हुआ था। इसका उद्देश्य है हिंदी को न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया भर में पहचान दिलाना। आज कई देशों में हिंदी बोलने वाले लोग हैं और इस दिन विदेशों में भी विशेष कार्यक्रम होते हैं।
हमें चाहिए कि हम हिंदी का उपयोग सिर्फ बोलचाल में न करें, बल्कि इसे लिखें, पढ़ें और इसके साहित्य से जुड़ें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ी भी हिंदी की समृद्ध धरोहर को जाने और अपनाएं।
हिंदी दिवस के अवसर पर पूरे देश के शिक्षण संस्थान और सरकारी कार्यालय विभिन्न गतिविधियों से सज जाते हैं। वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिताएं, कविता पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम इस दिन की खासियत होते हैं।
इस दिन विशेष सेमिनार और आधिकारिक समारोह भी आयोजित किए जाते हैं जिनमें हिंदी भाषा के महत्व और इसके प्रचार-प्रसार पर चर्चा होती है।
हिंदी दिवस लोगों को व्यक्तिगत और आधिकारिक जीवन में हिंदी का अधिक सक्रिय रूप से उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि भाषा का सम्मान करना हमारी संस्कृति का सम्मान करना है।
इस अवसर पर विशेष पुरस्कार और भाषणों के माध्यम से उन व्यक्तियों और संस्थानों की सराहना की जाती है, जिन्होंने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।