Teacher's Day 2025 :पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर, लेकिन भारत में 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?
AI जनरेटेड सारांश
क्या आप जानते हैं कि पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे मनाया जाता है, लेकिन भारत में यह दिन 5 सितंबर को मनाया जाता है। आखिर क्यों? दरअसल, यह दिन हमारे देश के महान दार्शनिक, शिक्षक और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है।
दुनिया में अलग-अलग टीचर्स डे
यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को वर्ल्ड टीचर्स डे घोषित किया है। अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों में टीचर्स डे अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है। लेकिन भारत में इसे 5 सितंबर को ही मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन डॉ. राधाकृष्णन की जयंती से जुड़ा हुआ है।
डॉ. राधाकृष्णन का योगदान
डॉ. राधाकृष्णन ने अपना पूरा जीवन शिक्षा को समर्पित कर दिया। वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड जैसे बड़े संस्थानों में प्रोफेसर रहे। उनका मानना था कि सही शिक्षा वही है, जो सिर्फ जानकारी न दे, बल्कि जीवन में संतुलन और समझ भी सिखाए।
शिक्षक दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
साल 1962 में डॉ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने। उनके छात्रों और दोस्तों ने उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई। इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, अगर इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो मुझे गर्व और खुशी होगी।
बस तभी से हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। यह दिन सिर्फ डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने का नहीं, बल्कि हर उस शिक्षक का सम्मान करने का दिन है जो हमें जीवन में सही राह दिखाते हैं।
5 सितंबर का महत्व
यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। वे भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। साथ ही एक महान दार्शनिक, शिक्षक और विद्वान भी। इसलिए 5 सितंबर का दिन भारत में खास महत्व रखता है।
जीवन में शिक्षक क्यों हैं खास?
शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। वे हमें सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं देते। सही-गलत का फर्क समझाते हैं। अच्छे इंसान बनने की सीख देते हैं। और हमें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करते हैं।