नई दिल्ली: सड़कों पर बढ़ते वाहनों का शोर भी आपके दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। हालिया रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। अध्ययनों से पता चला है कि यातायात से होने वाला शोर दिल का दौरा और हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक व्यापक शोध यह पाया कि ट्रैफिक का शोर लगातार बढ़ रहा है और इसमें हर 10 डेसीबल के इजाफे के साथ ही दिल से जुड़े रोग, बीपी, डायबिटीज, और दिल का दौरा होने का खतरा 3.2 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यह खतरा उन लोगों के लिए ज्यादा होता है जो रात में व्यस्त सड़कों के पास रहते हैं।
रात को ट्रेफिक का बढ़ता शोर ज्यादा खतरनाक
रात के समय होने वाला यातायात का शोर नींद में बाधा डालता है, जिससे तनाव बढ़ता है और रक्त वाहिकाओं में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यह हार्मोन ही उच्च ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, जो दिल से जुड़े रोगों के लिए जोखिम का कारण बनता हैं। इस रिसर्च के
मुख्य लेखक, थॉमस मुंजेल का कहना है कि, "यह महत्वपूर्ण है कि अब वाहनों के शोर को हृदय रोगों के लिए एक जोखिम कारक के रूप में पहचाना जाए।".. ये रिसर्च जर्मनी की ‘यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर मेंज' में ‘सर्कुलेशन रिसर्च' पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
शोर कम करने के लिए सुझाए उपाय
- व्यस्त सड़कों पर शोर अवरोधक लगाना: यह आवाज को 10 डेसिबल तक कम कर सकता है।
- शोर कम करने वाले डामर का उपयोग: यह सड़कों से निकलने वाले शोर को 3 से 6 डेसिबल तक कम कर सकता है।
- वाहन गति सीमा को कम करना: वाहनों की स्पीड लिमिट को कम करना क्योंकि धीमी गति से चलने वाले वाहन कम शोर करते हैं।
- कम शोर वाले टायरों का उपयोग: ये टायर पारंपरिक टायर की तुलना में कम शोर पैदा करते हैं।
यह एडवाइजरी की गई जारी