Aniruddh Singh
13 Sep 2025
पीपुल्स संवाददाता
इंदौर। एमपीपीएससी की परीक्षा में इंदौर की हर्षिता दवे ने महिलाओं में टॉप कर डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त किया है। हर्षिता ने बताया कि मैंने 2023 की मुख्य परीक्षा दी थी, लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाई। इस बार बेहतर तैयारी के साथ मैं सफल रही। बेटी की इस सफलता पर मां सुनिता दवे ने कहा कि हर्षिता ने यह प्रसन्नता देकर सिद्ध कर दिया कि बेटियां बेटों से कम नहीं होतीं। हर्षिता ने कहा कि मेरा सपना डिप्टी कलेक्टर बनने का था और आज वह पूरा हो गया। पहले मैंने 2023 की प्री दी थी। इस बार मेंस और इंटरव्यू दोनों दिए और पांचवें पायदान पर स्थान पाया। हर्षिता ने बीए और एमए किया है। यह उनका दूसरा अटेंप्ट था। वह इंटरनेशनल स्तर की डिबेटर हैं और भारत को इंटरनेशनल स्तर पर रिप्रेजेंट किया है। हर्षिता के पिता डॉ. विकास दवे राज्य साहित्यक अकादमी के निदेशक हैं। मां सुनिता दवे देहली इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी की अध्यापिका हैं।
मैंने पहली बार 2018 में एमपीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा दी थी और साक्षात्कार तक भी पहुंचा, लेकिन उत्तीर्ण नहीं हो सका। 2022 में मेरा चयन आबकारी उप-निरीक्षक के पद पर हुआ और मुझे झाबुआ में पदस्थ किया गया। मैं इस बार अपने साक्षात्कार के अंकों से बहुत खुश हूं । मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और छिंदवाड़ा के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को देता हूं।
विक्रमदेव सरयाम, रैंक 10, डिप्टी कलेक्टर
मैं दमोह का रहने वाला हूं। मैंने इंदौर में रहकर यहां के शासकीय होलकर विज्ञान महाविद्यालय और जीएसीसी से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है। मैं वर्तमान में जनपद सीईओ के पद पर तैनात हूं। मैं 2021 के साक्षात्कार में भी शामिल हुआ, जहां मेरा चयन हुआ। यह उपलब्धि मेरे सफर में एक और मील का पत्थर है। कड़ी लगन के साथ की गई मेहनत के परिणाम से मैं सफल हुआ।
अभिषेक जैन, रैंक 46, डीएसपी
मैं खरगोन से हूं, लेकिन मैंने इंदौर में पढ़ाई की है। साक्षात्कार के लिए मैंने समसामयिक विषयों के साथ-साथ अपने अध्ययन क्षेत्र से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे मुझे प्रभावी ढंग से तैयारी करने में मदद मिली। साक्षात्कार की तैयारी के लिए अलग-अलग तरह की बुक्स खरीदकर पढ़ाई की व अलग-अलग माध्यमों से जानकारी लेकर मेहनत की, जिसका परिणाम आज सफलता के रूप में मुझे मिला है।
स्वराज सांवलिया, रैंक 38, डीएसपी