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मेरी बेटी, मेरा अभिमान : मैकेनिक की बेटी को GOOGLE में मिली जॉब, बच्चों को पढ़ाने के लिए दोस्त-रिश्तेदारों से लिया था कर्ज

बाड़मेर। राजस्थान के बालोतरा जिले के छोटे से गांव माधासर की 22 वर्षीय कविता काकड़ ने अपने पिता के संघर्ष और खुद की मेहनत से गूगल जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर का जॉब हासिल किया है। कविता के पिता गोमाराम काकड़ बालोतरा में ट्रक और बस रिपेयरिंग का काम करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए समाज के तानों और आर्थिक संघर्षों की परवाह किए बिना उसे उच्च शिक्षा दिलाई। आज उसी बेटी ने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया है।

पिता ने संघर्ष कर बच्चों को पढ़ाया

गोमाराम काकड़ ने अपने तीनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए कई रिश्तेदारों और दोस्तों से कर्ज लिया। लोगों ने कहा कि बच्चों को इतना मत पढ़ाओ। वे दूर चले जाएंगे और बुढ़ापे में अकेला छोड़ देंगे, लेकिन गोमाराम ने किसी की बात नहीं सुनी। उनके दोनों बेटे और एक बेटी ने उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया। बड़ा बेटा प्रेम IIT खड़गपुर से पासआउट होकर अपना खुद का व्यापार शुरू करने की तैयारी में है। दूसरा बेटा हरीश NIT कालीकट से बीटेक और MNIT जयपुर से पढ़ाई कर टाटा मोटर्स में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं।

अंग्रेजी से संघर्ष पर आत्मविश्वास से पार की बाधाएं

कविता ने IIT खड़गपुर से बीटेक किया। शुरुआत में अंग्रेजी भाषा में कमजोरी के कारण उन्हें काफी दिक्कतें आईं। उन्होंने हिंदी माध्यम से JEE की परीक्षा पास की थी, इसलिए अंग्रेजी में पढ़ाई के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ा। धीरे-धीरे कविता ने टूटी-फूटी अंग्रेजी में बोलना शुरू किया और अपने टीचर्स और भाई के सहयोग से पढ़ाई में महारत हासिल की। उनकी मेहनत रंग लाई और 2023 में IIT खड़गपुर से ग्रेजुएशन के बाद उन्हें एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का जॉब मिला।

गूगल से मिला ऑफर

कविता को जून 2023 में गूगल में इंटरव्यू देने का मौका मिला और लगातार 7-8 राउंड के इंटरव्यू के बाद अगस्त 2023 में उन्हें गूगल से सॉफ्टवेयर इंजीनियर का ऑफर लेटर मिला। यह ऑफर उनके पूरे परिवार के लिए बहुत ही गर्व का विषय है। कविता अक्टूबर के पहले सप्ताह में बेंगलुरु स्थित गूगल ऑफिस में जॉइन करेंगी। अपने पिता के संघर्ष और परिवार के सहयोग से कविता ने इस मुकाम तक पहुंचकर अपने माता-पिता का मान बढ़ाया है।

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