Peoples Reporter
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
नई दिल्ली। बिहार में ‘वोट अधिकार यात्रा’ और विपक्षी दलों के तीखे हमलों के बीच भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष साफ किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि वोट चोरी के झूठे आरोप केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि आयोग इन मिथ्या आरोपों से न तो डरता है और न ही दबाव में काम करेगा। आयोग का काम संविधान की मर्यादा में रहकर सभी मतदाताओं को समान अधिकार देना है और वह निडर होकर इसे करता रहेगा।
उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग और मतदाता सूची को लेकर जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार और झूठे हैं। अगर उनके पास दावे का कोई सबूत है, तो उन्हें 7 दिन के भीतर शपथपत्र (हलफनामा) देना होगा, अन्यथा वो पूरे देश से माफी मांगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव आयोग की नजर में न कोई पक्ष है और न विपक्ष। राजनीतिक दलों का पंजीकरण स्वयं आयोग करता है, इसलिए सभी दल आयोग के लिए बराबर हैं। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग का एकमात्र उद्देश्य है कि हर भारतीय नागरिक बिना भेदभाव के अपना वोट डाल सके। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आरोप लोकतंत्र और संविधान की भावना पर चोट हैं।
विपक्षी दल लगातार मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे थे। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया चल रही है और अब तक 28,370 मतदाताओं ने अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराई हैं। इसके लिए एक अगस्त से एक सितंबर तक का समय निर्धारित है। आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) और राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) मिलकर काम कर रहे हैं।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि त्रुटियों को दूर करने के लिए समुचित फॉर्म भरे जा रहे हैं और टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिला स्तर पर बीएलए नामित किए गए हैं, लेकिन राज्य और राष्ट्रीय स्तर के नेता या तो इससे अनजान हैं या फिर जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि केवल भारतीय नागरिकों को ही मतदान का अधिकार है। यदि कोई विदेशी नागरिक गलती से या जानबूझकर नामांकन फॉर्म भरता है, तो SIR प्रक्रिया के दौरान उसे अपनी राष्ट्रीयता साबित करनी होगी। जांच के बाद यदि वह भारतीय नागरिक नहीं पाया गया, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। आयोग ने दोहरे मतदान के आरोपों को भी बेबुनियाद बताते हुए कहा कि इस पर सख्त निगरानी रखी जाती है और हर गड़बड़ी को समय रहते सुधारा जाता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे आरोप जनता को गुमराह करने का प्रयास हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार के साढ़े सात करोड़ मतदाता आयोग के साथ खड़े हैं। उन्होंने फॉर्म भरकर अपनी भागीदारी दर्ज कराई है और यही सबसे बड़ा सबूत है कि आयोग निष्पक्ष काम कर रहा है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग की साख पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। आयोग न केवल चुनाव कराता है बल्कि हर मतदाता के अधिकार की रक्षा भी करता है। ऐसे में राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए आरोप जनता के विश्वास को तोड़ने और भ्रम फैलाने की साजिश है।
हाल के दिनों में कई मतदाताओं की तस्वीरें मीडिया में दिखाई गईं। इस पर चुनाव आयोग ने कड़ी आपत्ति जताई। आयोग ने कहा कि बिना अनुमति किसी भी मतदाता की तस्वीर या वीडियो सार्वजनिक करना अनुचित है। उन्होंने सवाल किया कि क्या आयोग किसी मतदाता की मां, बहू या बेटी का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक कर सकता है? यह सीधा-सीधा निजता का उल्लंघन है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मशीन रीडेबल मतदाता सूची को सार्वजनिक करना संभव नहीं है क्योंकि इससे मतदाताओं की गोपनीयता प्रभावित होगी। आयोग ने कहा कि मतदाता सूची केवल संबंधित लोगों की जानकारी के लिए ही उपलब्ध कराई जाती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग ने यह भी बताया कि लोकसभा चुनाव जैसी विशाल प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख बूथ लेवल एजेंट और 20 लाख से अधिक प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट शामिल होते हैं। इतने बड़े और पारदर्शी तंत्र में वोट चोरी करना संभव ही नहीं है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग गरीब, अमीर, महिला, पुरुष, बुजुर्ग और युवा सभी वर्गों के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। उसने हमेशा निष्पक्ष चुनाव कराने का काम किया है और आगे भी करता रहेगा।
चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के तहत 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंटों ने मसौदा सूची तैयार की है। हर बूथ पर बीएलए ने इस मसौदे को हस्ताक्षर कर सत्यापित किया है। अभी तक 28,370 दावे और आपत्तियां दर्ज हुई हैं और यह प्रक्रिया 1 सितंबर तक चलेगी। आयोग का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है।